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GMCH:रोगी के मस्तिष्क में टी.बी के कारण हुए लकवे का हुआ सफल इलाज

टीबी के कारण दिमाग में लकवे के भी लक्षण आ गये थे
 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल उदयपुर में आने वाले रोगियों को मल्टी डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण द्वारा इलाज किया जाता है। अभी हाल ही में बांसवाड़ा निवासी 30 वर्षीय रोगी को स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया। इस सफल उपचार को न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी के निरीक्षण में करने वाली टीम में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ निशांत अश्वनी, डॉ ध्रुव वाजा, डॉ कल्पेश, ईएनटी विभाग,आईसीयू स्टाफ शामिल है।   

विस्तृत जानकारी

बांसवाड़ा के रहने वाले 30 वर्षीय रोगी गत एक माह से सिर में दर्द, बुखार, कान से पानी आना, उल्टी और खून युक्त बलगम वाली खांसी से परेशान था। रोगी ने बताया पहले वह अहमदाबाद के निजी हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा चुका है, पर किसी तरह का स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाया। रोगी को गीतांजली हॉस्पिटल में आया तो पता चला कि रोगी का बांया कान बहता था और साथ की कान के परदे में छेद भी था। मास्टोडाइटिस था जिसमें कान के पीछे की हड्डी में इंफेक्शन हो गया था। रोगी का एम.आर.आई किया गया और रीड की हड्डी में सूई डालकर पानी बाहर निकला गया, रोगी के मस्तिष्क में टीबी का पता चला।  टीबी के कारण दिमाग में लकवे के भी लक्षण आ गये थे। 

गीतांजली हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी व ईएनटी विभाग के विशेषज्ञों द्वारा रोगी को आईसीयू में लेकर इलाज शुरू किया गया व अथक प्रयासों से रोगी का सफलतापूर्वक इलाज किया। 

डॉ निशांत अश्विनी ने बताया कि रोगी के इलाज को लगभग दो माह हो चुके हैं एवं रोगी एकदम स्वस्थ है और अपनी दिनचर्या भलीभांति निभा रहा है। 

गीतांजली हॉस्पिटल एक टर्शरी केयर मल्टी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल है यहाँ के न्यूरोसाइंसेज विभाग में सभी एडवांस तकनीके व संसाधन उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है।

गीतांजली हॉस्पिटल पिछले 17 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है।