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ज़िले में 3.81 लाख से अधिक बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की खुराक

जिले में विटामिन ए का चरण 30 अक्टूबर से 30 नवंबर तक चलाया जाएगा

 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि जिले में विटामिन ए का चरण 30 अक्टूबर से 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चो को आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पिलाई जाएगी। उदयपुर जिले में 3 लाख 81हजार 3 सौ 32 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।विटामिन ए की खुराक हर 6 माह के अंतराल पर पिलाई जाती है।

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रागिनी अग्रवाल ने बताया कि विटामिन ए आंखों की बीमारियों जैसे रतौंधी, अंधता से बचाव के साथ ही बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। विटामिन ए पिलाने से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चो की मृत्यु दर को कम करने में सहायक है।

9 माह से 12 माह तक के बच्चो को 1मिली एवं एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चो को 2 मिली की मात्रा में विटामिन ए पिलाई जाती है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं के साथ आशा सहयोगिनी और एएनएम माइक्रो प्लान बना कर बच्चों को दवा पिलाएंगी। जिन स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है वहां एएनएम और आशा दवा पिलाएंगी।

विटामिन ए के इस चरण में राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों, राजकीय एवं प्राइवेट विद्यालयो में दवा पिलाने के लिए सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया गया है और इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट जिला स्तर पर प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

आयोडीन युक्त नमक सेवन शरीर के साथ मानसिक स्वास्थ्य में भी लाभदायक -सीएमएचओ डॉ बामनिया

आयोडीन युक्त नमक के उपयोग को बढ़ावा देने लिए 21 से 27 अक्टूबर तक विश्व आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण सप्ताह मनाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि शरीर में आयोडीन की कमी पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मानसिक अक्षमता, गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चे में शारीरिक और मानसिक विकृतियां घेंघापन, भेंगापन आदि बीमारियां हो सकती है।

चिकित्सा संस्थानों, आंगनवाडी केन्द्रों पर एएनएम, आशा सहयोगिनी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा आमजनो, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को आयोडीन नमक के उपयोग के प्रति जागरूक किया जा रहा है।