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15 वर्षों की पीड़ा हुई दूर: आँतों में रुकावट से पीड़ित रोगी का GMCH द्वारा सफल इलाज 

 
आँतों में रुकावट से पीड़ित रोगी का गीतांजली हॉस्पिटल के जनरल सर्जरी विभाग द्वारा सफल इलाज 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना महामारी के समय भी सुरक्षित चिकित्सकीय नियमों का पालन करते हुए निरंतर आवश्यक इलाज किये जा रहे हैं। जनरल सर्जरी विभाग में 15 साल से आँतों में रुकावट की समस्या से ग्रसित रोगी का जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. पंकज सक्सेना, डॉ. संजीव अग्रवाल, डॉ. कुमावत, डॉ. मित पटेल, डॉ. दिनेश चौधरी, डॉ. राहुल जाधव, चेतना विभाग के डॉ. जेतावत, डॉ. विक्रम राठौड़ एवं नर्सिंग स्टाफ हेमंत गर्ग, प्रकाश पालीवाल व टीम द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया। 

डॉ. संजीव अग्रवाल ने बताया कि 53 वर्षीय पाली निवासी रोगी पिछले 15 वर्षों से पेट दर्द एवं पेट फूलने की बीमारी से पीड़ित था। हाल ही में कुछ दिनों से लगातार असहनीय दर्द रहने के कारण रोगी को गीतांजली अस्पताल में भर्ती कर रोगी का सी.टी. स्कैन किया गया, जिसमे कि आंतों की रुकावट के बारे में पुष्टि हुई। रोगी के ऑपरेशन के दौरान पता चला कि छोटी आंत का लगभग 80% भाग आंतरिक हर्निया थैली में फंसा हुआ था एवं बची हुई आंत आपस में चिपकी हुई थी। ऑपरेशन के दौरान हर्निया थैली को खोलकर आँतों को अलग करके आंतों में आई हुई रुकावट को ठीक किया गया। ऑपरेशन के पश्चात् रोगी को पेट दर्द एवं पेट फूलने की 15 साल से चल रही बीमारी से निजात मिला, रोगी अब स्वस्थ है और हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी है। 

डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि आंतरिक हर्निया बहुत ही दुर्लभ बीमारी है जो कि 1% से भी कम मात्रा में पाई जाती है| यदि इस गंभीर बीमारी का सही समय पर इलाज ना किया जाए तो रोगी की आंते काली पढ़ सकती हैं या फट भी सकती हैं। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल पिछले 13 वर्षों से सतत् रूप से मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में परिपक्व होकर चंहुमुखी चिकित्सा सेंटर बन चुका है। यहाँ एक ही छत के नीचे जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं निरंतर रूप से कुशल डॉक्टर्स द्वारा उचित दरों पर लोगों को मुह्हैया करवाई जा रही हैं।