महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ द्वारा स्थापित फाउण्डेशन के पूर्ण हुए 51 वर्ष
फाउण्डेशन प्रतिवर्ष देश-विदेश की विभिन्न क्षेत्र की विभूतियों का सम्मान करता है ताकि युवा पीढ़ी इन विभूतियों की उपलब्धियों से प्रेरणा ले सके
उदयपुर, 19 अक्टूबर। महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन उदयपुर के 51 वर्ष पूर्ण होने पर फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ ने इस अवसर पर समस्त मेवाड़ वासियों को बधाई प्रेषित की।
इस अवसर पर मेवाड़ ने बताया कि मेवाड़ संस्थापक बापा रावल से गुरु महर्षि हारीत राशि ने पीढ़ी-दर पीढ़ी मानव सेवा का संकल्प करवाया था। जिसका मेवाड़ वंश आज तक अनवरत निर्वहन कर रहा है।
स्वतंत्रता के पश्चात् मेवाड़ राज्य की जिम्मेदारियों एवं महाराणाओं के उत्तरदायित्वों के निर्वहन में स्थितियां प्रतिकूल होने लगी थी। ऐसी विपरित परिस्थितियों में मेवाड़ वंश के 1400 वर्षों के मान-सम्मान का भी प्रश्न खड़ा था, तब महाराणा साहिब भगवत सिंह जी मेवाड़ ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए सन् 1969 में मानव कल्याण की सेवाओं हेतु जन कल्याणकारी महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की स्थापना की और मेवाड़ के महाराणाओं के संकल्पित कर्तव्यबोध का निर्वाह निरंतर रखा, जिसे आज 51 वर्ष पूर्ण हो गये हैं।
फाउण्डेशन प्रतिवर्ष देश-विदेश की विभिन्न क्षेत्र की विभूतियों का सम्मान करता है ताकि युवा पीढ़ी इन विभूतियों की उपलब्धियों से प्रेरणा ले सके। भविष्य के होनहारो का चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में फाउण्डेशन सहायक सिद्ध हो सके, इसी में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन की सच्ची प्रतिष्ठा है। मेवाड़ की परम्पराओं, संस्कृति एवं जीवंत विरासत संरक्षण में हमने अब तक जो कुछ भी किया हैं वो सब आपके सम्मुख है।