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कोविड-19 राहत कार्यो के लिए वेदांता द्वारा हिन्दुस्तान जिंक के 7 फ्रंटलाइन लीडर्स सम्मानित

 
ग्रेटर गुड के लिए के लिए कार्य करना हमारें डीएनए में - अनिल अग्रवाल

वेदांता का बड़ा उद्देश्य हमारे समाज, समुदाय और देश को पुनः लौटाना है। राष्ट्रीय समृद्धि और सतत विकास की दिशा में ‘द ग्रेटर गुड‘ के लिए कार्य करना हमारे डीएनए में है। यह बात वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल ने वेदांत केयर्स की शुरू की गयी अनूठी पहल के बाद ई टाउनहाॅल में कही। इसका आयोजन वेदांता द्वारा 7 अलग अलग स्थानों पर कोविड 19 में राहत कार्यो के लिए किए गये सहयोग हेतु प्रोत्साहन और सम्मानित करने के लिए किया गया। 

इस अवसर पर अग्रवाल ने हिन्दुस्तान जिंक से संबद्ध 7 फ्रंटलाइन लीडर्स को चैयरमेन अवार्ड की घोषणा की। अग्रवाल ने वेदांता द्वारा कोविड 19 महामारी में राहत कार्यो के तहत दैनिक मजदूरी, जरूरतमंद और घूमंतु पशुओं और प्रभावितों तक मदद पहुँचाने वाले सहयोगियों को सम्मानित करने हेतु इस ई-टाउनहाॅल में 150 से अधिक लोगो से बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन किया, जिसमें एनजीओ, व्यापारिक भागीदारों, अनुबंध कंपनियों और कर्मचारी सम्मिलित है।  

इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक की सखी परियोजना के संचालन हेतु एनजीओ पार्टनर मंजरी फाउण्डेशन द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गे्रन बेंक की स्थापना कर 10 टन से अधिक खाद्यान्न इकट्ठा कर जरूरतमंदों तक पहुंचाने और 1 लाख से अधिक मास्क बना कर कोरोना योद्धाओं और ग्रामीणों को उपलब्ध कराने के लिए सम्मानित किया। साथ ही श्रीनाथ ट्रावेल एजेंसी, टेक्नोमिन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड एवं हिन्दुस्तान जिंक के कर्मचारी देबांशु चटर्जी, विनय कुमार, अनागत आशीष एवं ऋषिराज शेखावत को उनके द्वारा कोराना महामारी से राहत कार्यो और जरूरतमंदो तक सहायता प्रदान करने में योगदान हेतु चैयरमेन अवार्ड की घोषणा की।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए, वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल ने कहा, “हम राष्ट्र के साथ मिलकर इस संकट से लड़ रहे हैं। हमने उन समुदायों की सेवा करने में अपना योगदान देकर वेदांता के सिद्धांत  समाज को पुनः लौटाने को प्रतिपादित किया। हमारी टीम ने दिन रात कार्य करते हुए, समुदायों का सहयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मैं इस सहयोग के लिए हमारे सहयोगियों, संगठनों और वेदांता टीम के प्रत्येक सदस्य आभारी हूं जिन्होने परिवार की तरह इस संकट का मुकाबला किया है। हम समुदायों और प्रशासन के साथ कार्य करना जारी रखेंगे, इससे सेवारत समुदायों में दूसरों को प्रेरणा मिलेगी और उम्मीद है कि हम इस स्थिति से उबरेगें। ”

मंजरी फाउंडेशन के एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर संजय शर्मा ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक के नेतृत्व में, सखी एसएचजी महिलाओं ने मजबूत सामुदायिक प्रतिनिधि के रूप में वृद्धि की है। सखी परियोजना द्वारा गांवों में कोई भी भूखा ना सोये के उद्धेश्य को सुनिश्चित करने के लिए ग्रेन बैंक की स्थापना कर 10 हजार किलो खाद्यान्न इकट्ठा किया जिससे समुदायों को माहामारी से लड़ने में सहायता मिली। हम इस प्रकार किसी भी समय में समुदाय की मदद के लिए त्वरित सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।

उल्लेखनीय है कि वेदांता ने पीएम केयर्स फंड, स्टेट फंड्स, और देश भर में राहत प्रदान करने के लिए 201 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। सरकार के प्रयासों के सहयोग करते हुए वेदांता के कर्मचारियों ने एक दिन के वेतन को पीएम केयर्स फंड में योगदान किया है। अपने मिल फाॅर ऑल कार्यक्रम के तहत 13 लाख से अधिक लोगो को भोजन प्रदान किया। साथ ही वेदांता प्रतिदिन 50 हजार से अधिक घुमंतु जानवरों को आहार का बीड़ा उठाया। इस पहल के तहत, वेदांता ने अब तक दिल्ली, मुंबई, जयपुर और पुणे में 12.70 लाख से अधिक जानवरों को आहार उपलब्ध कराया है।

महामारी से बचाव हेतु स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाने के वेदांता के प्रयास में, 7 लाख मास्क और 1 लाख साबुन और सैनिटाइजर हिन्दुस्तान जिंक के 5 जिलों एवं पंतनगर सहित पूरे भारत में निर्मित और वितरित किए गए। कपड़ा मंत्रालय के सहयोग से 23 पीपीई मशीनों का आयात किया गया, जिससे प्रति सप्ताह 40,000़ पीपीई का उत्पादन हो सके। अपोलो अस्पताल के सहयोग से, कर्मचारियों और परिवारों को चिकित्सा सलाह के लिए एक समर्पित चौबीसो घंटे हेल्पलाइन स्थापित की गई।