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अमर्ट-उदयपुर का 300 वां विशिष्ट चिकित्सा शिविर

यह विशिष्ट चिकित्सा शिविर हर महीने के अंतिम रविवार को विगत पच्चीस वर्षों से लगातार चलाया जा रहा है

 

उदयपुर 26 जूनआनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम (अमर्ट), उदयपर द्वारा मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों के लिए विगत पच्चीस वर्षों से चलाये जा रहे विशिष्ट चिकित्सा शिविर की श्रृंखला में रविवार को 300वें चिकित्सा शिविर का आयोजन टेकरी-मादरी रोड स्थित जागृति परिसर में संपन्न हुआ। शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ओंकार लाल शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि डॉ सुभाष वशिष्ठ द्वारा पी. आर. सरकार की प्रतिकृति पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन द्वारा किया गया। 

डॉ सुभाष ने बताया की प्रउत, माइक्रोवाइटा तथा नव्य-मानवतावाद के प्रवर्तक पी. आर. सरकार द्वारा पीड़ित मानवता की सेवा के लिए आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम (अमर्ट) का गठन सन 1970 में किया गया और वर्ष 1991 में अमर्ट को, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतराष्टीय ऍन.जी.ओ. के रूप में मान्यता मिली. विश्व के अनेक देशों में अमर्ट विभिन्न प्रकार के राहत और त्राण कार्य कर रही है। 

उन्होंने बताया की अमर्ट-उदयपुर के सचिव डॉ. एस. के वर्मा के निर्देशन में यह विशिष्ट चिकित्सा शिविर हर महीने के अंतिम रविवार को विगत पच्चीस वर्षों से लगातार चलाया जा रहा है। इस अवसर पर डॉ. एस. के. वर्मा ने कहा की यह केवल सभी रोगियों का विश्वास ही है जिस कारण यह शिविर लगातार चल रहा है क्योंकि वास्तव में रोग दूर करने की शक्ति केवल ईश्वर की ही है.

इस 300 वें चिकित्सा शिविर में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग तथा गठिया के साठ मरीजों की ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल तथा बॉडी मॉस इंडेक्स की निशुल्क जांच की गयी। साथ ही डॉ. एस. के. वर्मा द्वारा चिकित्सा परामर्श और समुचित दवा वितरण कार्य भी किया गया। 
इस अवसर पर जिन रोगियों की ब्लड शुगर पिछले छह महीने से नियंत्रित अवस्था में रही उन्हें पुरस्कृत किया गया तथा प्रत्येक माह आयोजित होने वाले शिविर में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे जगदीश गौड़, जगदीश अग्रवाल, सुरेंद्र जैन, गिरधारीलाल सोनी, शाहिद, नाथू सिंह जी को  सम्मानित किया गया।इस पुनीत अवसर पर सभी रोगियों को जलपान भी कराया गया। चिकित्सा शिविर के पश्चात एक प्रहर का बाबा नाम केवलम ऐतिहासिक आवर्त कीर्तन का आयोजन हुआ. तत्पश्चात सामूहिक धर्मचक्र, मिलित ईश्वर प्रणिधान, वर्णाध्यन, स्वाध्याय पाठ हुआ।