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सर्वोत्तम सेवा के उद्देश्य से बड़गांव उपप्रधान प्रताप लगे गौसेवा में

युवा टीम के साथ कर रहे हे बेदला गांव में लंपी से ग्रसित गौमाताओं की सेवा
 

भयावह लम्पी वायरस से लगातार गौमाताओं की स्थिति दयनीय होती जा रही हे, इस बीमारी की मार ने लाखो गायों को मौत के मुंह में धकेल दिया हे तो कई इस के प्रकोप से जिंदगी और मौत के बीच जूझती नजर आ रही है। ऐसे में कई जगहों पर गौमताओ को इस बुरी स्थिति से निकालने के लिए गौभक्त आगे आए हैं। 

इसी कड़ी में शहर से सटे बेदला गांव में भी लंपी वायरस से ग्रसित गौमाताओं की सेवा के लिए बड़गांव उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ ने अपने हाथ आगे बढ़ाए है। राठौड़ ने अपनी युवा टीम के साथ गौमाताओं के रहने के लिए एक बाड़े में आइसोलेशन सेंटर बना डाला हे । यही नहीं इस सेंटर में एक साथ 20 गायों के रहने की व्यवस्था की गई है। गौमाताओं को बचाने के लिए मैदान में उतरी ये संवेदनशील युवाओं की टीम रात दिन मेहनत कर संक्रमित गाय को सेंटर पर लाती है, इसके बाद उसके आइसोलेशन में रखकर इलाज करती हे । जिन गौमाता को स्थिति ज्यादा खराब होती है,उन्हें यह टीम बड़गांव कें पशु चिकित्सालय में बने आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा देती हे। 

इस सेवा कार्य की मुख्य धुरी के रूप में कार्य करने वाले बड़गांव उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया की गौमाता के लिए वर्तमान समय काफी कठिन एव चुनौती भरा है। यही वो समय हे जब पीड़ित गौमाता की सेवा कर दूध के कर्ज को उतारना है। ऐसे में इसी सोच और ध्येय को ध्यान में रखकर बेदला गांव के डेढ़ दर्जन युवा बड़गांव उपप्रधान के नेतृत्व में गौ माता की सेवा में जुटे हुए। 

राठौड़ ने बताया की इस आइसोलेशन में गायों को मेडिसन, खाने का हरा चारा, पशु आहार, आयुर्वेदिक लड्डू सहित सभी व्यवस्था की गई है। इन सब व्यवस्थाओं को जनसहयोग के माध्यम से किया जा रहा हे । गौमाता की बेहतरी के लिए वाटर प्रुफ टेंट की भी व्यवस्था की गई है । राठौड़ ने बताया की गौमाता धरती का प्रमुख प्राकृतिक धन हे, ऐसे में इस संकट की वजह से गौमाता की संख्या लगातार कम होती जा रही हे जो की प्रकृति के लिए अच्छे संकेत नही हे । उपप्रधान और युवा टीम की और से किए जा रहे इस सराहनीय कार्य की चौतरफा प्रशंसा की जा रही हे । 

गायों की साज संभाल कर रहे पशु चिकित्सा टीम के मेल नर्स (एलएसए) भावेश शर्मा भी इस मुहिम में जुड़े हुए हे। पशुधन सहायक भावेश ने बताया की लंपी संक्रमण से कई गाये प्रारंभिक अवस्था में है,ऐसे में समय रहते इलाज मुहैया कराना हमारा कर्त्तव्य है। अगर प्रारंभिक अवस्था में इन गायों को आइसोलेशन सेंटर में इलाज मुहैया हो जाता है तो इस संक्रमण की चैन को आसानी से तोड़ा जा सकता है । 

स्वंसेवक केशुलाल जोशी दे रहे हे ऑटो की निशुल्क सेवा

पीड़ित गौमाता को आइसोलेशन सेंटर पर लाना एक चुनौती हे ऐसे में संघ के स्वयसेवक केशू लाल जोशी द्वारा अपने ऑटो में निशुल्क सेवाए दी जा रही है। युवाओं के साथ जोशी अपने ऑटो के साथ पहुंचते है और पीड़ित गौमाताओं को ऑटो में भरकर सेंटर तक पहुंचाते है। 

सेवा कार्य की टीम से जुड़े युवा दिवाकर सनाढ्य ने बताया की सनातन संस्कृति में गौमाता का स्थान काफी पूजनीय एव पवित्र हे। गाय को मां के दर्जे से नवाजा गया हे,ऐसे में इस कठिन और पीड़ा दायक दौर में मां को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है । गौमाताओं के लिए बने आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर और नर्स की टीम भी लगातार मॉनिटरिंग रखती है। 

सेवा कार्य के लिए बनी युवा टीम में उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ के अलावा,संजय सनाढय, मनोज शर्मा, तुषार धाकड़, आदित्य सनाढय, अमर सिंह डोडिया, कुणाल शुक्ला, साहिल जोशी, अक्षय बागड़ी, दिलीप व्यास, गजेंद्र सिंह सांखला, भूपेंद्र सिंह पंवार, दर्शन सनाढय, आदित्य सेन, चिरांश शर्मा, जयेश लखारा, लोकेश सेन, शुभम सालवी, रोहित जोशी, गौरव सेन, संजय भोई सहित कई युवा जुटे हुए हे ।