गीतांजली हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री चीरंजीवी योजना में निःशुल्क सफल इलाज
चित्तोड़गढ़ के रहने वाले 62 वर्षीय रोगी डालू जटिया के 10 माह पूर्व आँख में जहरीले मच्छर के जाने से रोशनी जाने लगी, ऐसे में रोगी ने कई निजी अस्पताल में भी दिखाया, दवा भी खाई परन्तु किसी तरह का सुधार नही हुआ।
रोगी के आँख का कांच (कॉर्निया) खराब हो गया था और साथ ही मोतियाबिंद भी पक गया था, रोगी दिनचर्या के कार्य करने में सक्षम नही था। रोगी पेशे से किसान है एवं मुख्यमंत्री चीरंजीवी योजना का लाभार्थी है| रोगी के रिश्तेदार के सुझाव से उसे गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लाया गया।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ ऋषि मेहता ने बताया कि रोगी के जटिल ऑपरेशन को दो घंटे का समय लगा जिसके दौरान 3 गंभीर समस्याओं का निदान हुआ:
1. मोतियाबिंद को निकाला गया
2. लेंस प्रत्यारोपण किया गया
3.नेत्र प्रत्यारोपण किया गया
डॉ ऋषि ने बताया कि रोगी के लिए जयपुर के आई बैंक से उसके लिए कॉर्निया मंगवाया गया| गीतांजली हॉस्पिटल में इस तरह का पहला जटिल ऑपरेशन हुआ। रोगी की आँखों की रोशनी वापिस आ चुकी है, वह सामान्य रूप से देख पा रहा है, अत्यंत खुश है| रोगी का इलाज मुख्यमंत्री चीरंजीवी योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया है। रोगी ने मुख्यमंत्री जी, गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व इलाज करने वाली टीम में डॉ ऋषि मेहता, डॉ प्रतीक्षा माली, नर्स तरुणा माली को आभार प्रकट किया। रोगी का मानना है कि यदि राजस्थान सरकार द्वारा चलाई गयी मुख्यमंत्री चीरंजीवी योजना नही होती तो वह कभी पुनः नही देख पाता, ये कहते हुए वह भाव विभोर हो उठा।
गीतांजली हॉस्पिटल के सीईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि हम सबको अंगदान के महत्व को समझना बहुत ज़रूरी है। नेत्रदान एक ऐसा दान है जो कि प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए ताकि मरने के बाद कोई उनकी आंखों से इस दुनिया को देख सकें। इस तरह के दान से बहुत से ज़रुरतमंदों को आँखों की ज्योति पुनः मिल सकती है। गीतांजली हॉस्पिटल के नेत्र रोग विभाग में सभी एडवांस तकनीके व संसाधन उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है। गीतांजली हॉस्पिटल के पिछले 15 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है।