उदयपुर का पहला भगवान झूलेलाल मन्दिर
पाकिस्तान से भगवान झूलेलाल साईं की अखंड ज्योत श्री सनातन धर्म मंदिर में लेकर आए थे जो निरंतर प्रज्ज्वलित रहती है
उदयपुर । श्री बिलोचिस्तान पंचायत के शक्ति नगर स्थित सनातन मंदिर में करीब 71 साल पहले विभाजन के बाद पाकिस्तान से भगवान झूलेलाल साईं की अखंड ज्योत श्री सनातन धर्म मंदिर में लेकर आए थे जो निरंतर प्रज्ज्वलित रहती है।
यह ज्योत चार कोने वाली होती इसका मतलब होता है एक कोना को शंख, दूसरे को चक्र, तीसरे को गद्धा और चौथे को कमल फूल कहा जाता है इनमें चारों वेद का ज्ञान है और चारो और खुशहाली व उजाले के प्रतीक है यह अखंड ज्योत।
श्री सनातन धर्म सेवा समिति के हेमंत गखरेजा ने बताया की करीब 70 साल पहले उदयपुर के शक्तिनगर स्थित सनातन मन्दिर में पहला भगवान झूलेलाल साईं का मंदिर स्थापित हुआ था। इसके साथ ही निरंतर प्रज्ज्वलित रहने वाली अखंड ज्योत की स्थापना पाकिस्तान से लाए अखंड ज्योत की स्थापना हुई थी तब से अब तक शहर के साथ आसपास के क्षेत्र के सिंधी समुदाय के लोग यहां विशेष रूप से दर्शन करने आते हैं।
दर्शनार्थी अपनी आस्था के साथ अपनी मनोकामनाएं बोल कर जाते हैं एवं मनोकामना पूरी होने पर चेटीचंड के दिन भगवान के समक्ष उपस्थित होकर बोलमा पूरी करते है, इस मन्दिर की समाज के लोगो की इतनी आस्था है इस कारण प्रतिदिन यहाँ शाम को भक्तों की मण्डली द्वारा पूजा अर्चना होती है और भगवान झूलेलाल के प्रिय शुक्रवार को विशेष पल्लव व आरती के साथ हाथ प्रसादी होती है।