×

भूपाल नोबल्स संस्थान में मदर टेरेसा की चित्रप्रदर्शनी द्वारा जयंती मनाई

कला के अन्य पहलुओं पर भी इस अवसर पर प्रकाश डाला गया
 

उदयपुर 26 अगस्त 2022 । भूपाल नोबल्स संस्थान के शताब्दी वर्ष की वर्षगांठ के उपलक्ष में आज भूपाल नोबल्स पीजी महाविद्यालय में संचालित दृश्य कला विभाग द्वारा मदर टेरेसा जयंती दिवस मनाया गया। 

महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ रेणु राठौड़ ने बताया दृश्य कला विभाग की सह आचार्य डॉ कंचन राणावत के मार्गदर्शन में उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन देते हुए भारत रत्न (1980), नोबेल शांति पुरस्कार (1979) से सम्मानित, सेवा, त्याग, स्नेह, दया, मानवता व करुणा की प्रतिमूर्ति, महान समाज सेविका मदर टरेसा की जयंती पर उनके  स्वरूप के विभिन्न रूपों को दर्शाया गया है । 

इस अवसर पर डॉ रितु तोमर, डॉ हेमेंद्र सिंह शक्तावत, डॉ कमल सिंह,  डॉ जयश्री सिंह मौजूद थे। इसमें भाग लेने वाले छात्र-छात्राएं दीपक सालवी, सोनाली राणावत, ज्योति शर्मा, रोनक झाला, सुयश शर्मा, कंचन रावत, ईश्वर औदिच्य, लखन शेनी, रुकैया, भविष्य पुरबिया, घनश्याम लोहार, रणवीर पटेल आदि थे। कला के अन्य पहलुओं पर भी इस अवसर पर प्रकाश डाला गया। 

जन सम्पर्क अधिकारी डॉ कमल सिंह राठौड़ ने बताया कि 1910 में स्कोपजे में जन्मी, 1950 में आनयेजे गोंजा बोयाजीजुअल्बानिया से भारत आई रोमन कैथोलिक चर्च की सिस्टर ऑफ लोरेटो की सदस्या टेरेसा ने मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की 1950 में कलकत्ता में स्थापना की बाद में इन्हें मदर टेरेसा के नाम से जाना गया। वे जब तक थी तब तक 126 देशो में 610 मिशन केन्द्रों के माध्यम से एड्स, तपेदिक, कुष्ठ रोगियों की सेवा के केन्द्र थे। 

मदर टेरेसा का कहना था कि प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है। भूखों को खिलाएं, बेघर को शरण दे, दम तोड़ने वालों बेबसों को प्यार से सहलाये, अपाहिजों को हर समय हृदय से लगाने के लिए तैयार रहें। शब्दों से मानव जाति की सेवा नही होती, उसके लिए पूरी लगन से कार्य मे जुट जाने की आवश्यकता है। 

बीएन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार परबत सिंह राठौड़ ने सभी चित्रकला के विद्यार्थियों को बहुत बधाई दी और कहा कि मदर के जन्मदिन पर बहुत अच्छी श्रदांजलि है।