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गिट्स में मनाया गया राष्ट्रीय युवा दिवस 

स्वामी विवेकानन्द ऐसे शख्सियत थे जो भारत में ही नहीं वरन पूरे विश्व में प्रसिद्ध थे

 

भारत महान विभूतियों का देश हैं इन महान विभूतियों को हम किसी ना किसी राष्ट्रीय पर्व के जरिये याद करते हैं। इसी महान विभूतियों में प्रमुख स्वामी विवेकानन्द की जयंती गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज (गिट्स) के इलेक्ट्रिकल इन्जिनियरिंग ब्रान्च, मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन एवं स्वामी विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी उदयपुर शाखा के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया। 

इस महान दिवस पर डॉ. एन. एस. राठौड ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ऐसे शख्सियत थे जो भारत में ही नहीं वरन पूरे विश्व में प्रसिद्ध थे। राठौड ने स्वामी जी की तीन मुख्य दर्शन शिक्षा, गलतियों से बार-बार सिखना तथा आत्मसुधार को छात्र-छात्राओ को अवगत कराते हुए कहा कि शिक्षा का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं होता इसका मुख्य मतलब बुद्धिमता होता हैं।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी गलतियों से हार मानकर नहीं बैठना है बल्कि हमें जीतने तक प्रयास करते रहना हैं। हमें अपने अन्दर आत्म सुधार करते हुए अपने देश के प्रति सामाजिक दायित्व का भी ध्यान रखना होगा। तभी स्वामीजी का सपना साकार हो पायेगा। साथ ही अपने अन्दर उनके गुणों जैसे मेन्टल फोकस, फिजिकल एनर्जी, ओरिजिनल टेलेन्ट, पर्सनल विल पावर, सकारात्मक दिनचर्या तथा तपस्या जैसी चीजों को अपने अन्दर आत्मसात करना पडेगा। तभी आप एक श्रेष्ठ युवा बन पायेंगे। 

युवा छात्र-छात्राओं के अन्दर स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन पर प्रकाश डालने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में एक्स विंग कमांडर पुखराज सुखलेचा (एमबीबीएस एमडी) को आंमत्रित किया गया था। जहां पर मुख्य अतिथि ने छात्रों को स्वामी विवेकानन्द जी से प्रेरणा लेने तथा सोशल मिडिया पर उनका समय नष्ट नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि आज के युवा अपनी ऊर्जा को साकारात्क चीजों में लगाये। सोशल मिडिया की नकारात्मकता से दूर रहते हुए विश्व पटल पर देश का नाम ऊँचा रखे। 

कार्यक्रम के संयोजक इलेक्ट्रिकल विभागाध्यक्ष प्रो. प्रकाश सुन्दरम एवं एमसीए विभागाध्यक्ष डॉ. पारस कोठारी के अनुसार इस अवसर पर छात्रा प्रियांशी राणावत ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर आधारित झांकी प्रस्तुत की। इसी क्रम में स्वामी विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी उदयपुर शाखा द्वारा स्वामी जी के जीवन पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी लगायी गई। जहां पर उनके जीवन के विभिन्न पहुलुओं का छात्र छात्राओं ने ज्ञान अर्जित किया।