बिग बॉस फेम हिन्दुस्तानी भाऊ ने की शिरकत
नीम फाउण्डेशन ने बच्चों में बांटी खुशियां
उदयपुर। देश के हर बच्चे को पढ़ने और अपना करियर बनाने की पूरी सुविधाएं मिलनी चाहिए लेकिन कई बच्चे आर्थिक असक्षमता के कारण पढ़ाई के लिए आवश्यक पाठ्य सामग्री की व्यवस्था नहीं कर पाते है ऐसे बच्चों की मदद करके उदयपुर के नीम फाउण्डेशन ने मिसाल पेश की है। नीम फाउण्डेशन की फाउण्डर रोशनी बारोट के नेतृत्व में शहर के समीप एक ओर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गाडरियावास में वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन करते हुए स्टेशनरी, अल्पाहार व अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गयी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिग बॉस रियलिटी शो प्रतिभागी हिन्दुस्तानी भाऊ रहे । अतिथि हिन्दुस्तानी भाऊ तथा सचिन सुरेश सोनावने का रोशनी बारोट ने स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। हिन्दुस्तानी भाऊ की ओर से विद्यालय में विकास कार्यों के लिए 51000 रूपये का आर्थिक सहयोग भी किया गया । जरूरतमंद और असहाय बच्चों की मदद के लिए दिपावली पर फाउण्डेशन की ओर से सात दिन का “दीवाली खुशियां वाली” कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसमें शहर के आसपास के क्षेत्रों के बच्चों को जरूरत की वस्तुएं वितरित की जाएंगी ।
नीम फाउण्डेशन की फाउण्डर रोशनी बारोट ने बताया कि फाउण्डेशन की ओर से जरूरतमंद और असहाय बच्चों की मदद के लिए प्रयास लगातार किये जाते हैं। वर्षभर में हजारों बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रहता है। गाडरियावास विद्यालय में बच्चों को स्टेशनरी वितरण के दौरान सोशल मीडिया स्टार हिन्दुस्तानी भाऊ ने बच्चों से बातचीत की और खेल भी खेले। “दीवाली खुशियां वाली” कार्यक्रम के तहत सहायता के लिए कुछ विद्यालय फाउण्डेशन द्वारा चिन्हित किये गये हैं वहीं कुछ विद्यालयों के संस्थाप्रधान ने फाउण्डेशन से सम्पर्क किया है। पूर्व में भी फाउण्डेशन की ओर से नृत्य के क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले नीमच के बच्चों की मदद की गयी थी इसके साथ ही अन्य सहायता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। रोशनी बारोट ने बताया कि हमारे द्वारा ऐसे विद्यालय का चयन किया जाता हैं जहां अन्य स्वयं सेवी संस्थान पहुंच नहीं पाते हैं।
बिग बॉस रियलिटी शो प्रतिभागी हिन्दुस्तानी भाऊ ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति दुनिया में सबसे अनूठी है और हमें इसका संरक्षण करना चाहिए साथ ही इसे आगे बढ़ाना चाहिए। बच्चों पर पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है ऐसे में माता-पिता को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तथा बच्चों को अपनी संस्कृति से रूबरू करवाना होगा। उन्होंने उदयपुर की तारीफ करते हुए कहा कि यहां की खूबसूरती और इतिहास हमारी विरासत है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक भगीरथ सिंह ने रोशनी बारोट, हिंदुस्तानी भाऊ तथा फाउण्डेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।