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विश्व वानिकी दिवस एवं पलाश पुष्पन उत्सव 21 को

पलाश के फूलों का उपयोग हर्बल गुलाल बनाने तथा पत्तों का उपयोग पत्तल व दोने बनाने के काम आते है

 

उदयपुर 19 मार्च 2022 । वन विभाग द्वारा विश्व वानिकी दिवस के उपलक्ष्य मे संभागीय आयुक्त के मुख्य आतिथ्य में ग्राम किटोडा, दईमाता ग्राम पंचायत-काया, तहसील-गिर्वा, उदयपुर में 21 मार्च को सुबह 8.15 बजे पलाश पुष्पन उत्सव का आयोजन किया जायेगा। 

उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने बताया कि वनों के महत्व को समझाने और लोगों को जागरूक बनाने के लिये विश्व वानिकी दिवस हर वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है ताकि जंगलो को काटने से रोका जा सके और लोगों को बताया जा सके कि यदि पेड़ पौधें नही बचेंगे तो पर्यावरण में असंतुलन आ जायेगा जिससे प्राकृतिक आपदा आने की संभावना बढ जायेगी। 

वनखण्ड समर में बहुतायत से पलाश के वृक्ष पाये जाते है। इस समय पलाश के वृक्ष फूलों से आच्छादित रहते है। पलाश हमारे देश के जंगलो का एक विशिष्ट वृक्ष है। यह हमारे इतिहास व संस्कृति का भी हिस्सा है। इसका उल्लेख हमारे कला साहित्य व पुराणो में आता है। पलाश को हिन्दी में ढाक, खाखरा, टेशू, अंग्रेजी में फ्लेम ऑफ द फोरेस्ट कहते है। 

पलाश के फूलों का उपयोग हर्बल गुलाल बनाने तथा पत्तों का उपयोग पत्तल व दोने बनाने के काम आते है। इसके फूल नारंगी- सिंदूरी रंग के होते है। इसके फूलों को पानी में डालकर उससे होली भी खेली जाती है। इसके फूलों के सौन्दर्य एवं प्रकृति के प्रति आमजन में जागरुकता लाने पलाश पुष्पन उत्सव का आयोजन किया जा रहा हेै।