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कठपुतली नाटिका ‘‘संगठन में बल हैं" का प्रभावी मंचन हुआ

गाँव-अनोपुरा, चौमू जिला जयपुर के किसान मेले में किया प्रदर्शित

 

उदयपुर 7 मई 2022। रवीन्द्र नाथ टैगोर की जयंती के अवसर पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर के सौजन्य से भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर द्वारा गाँव-अनोपुरा, चौमू (जयुपर) में किसान मेले में किसानों पर आधारित कठपुतली नाटिका ‘‘संगठन में बल है’’ का प्रभावी मंचन किया गया। 

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा किसानों की समस्याओं पर आधारित कठपुतली नाटिका का निमार्ण किया गया नाटिका की कहानी वर्तमान समय में किसानों की खेती को लेकर आने वाली विभिन्न समस्याओं और उनके निराकरण पर आधारित है। 

कहानी में गाँव के दो पढे लिखे और समझदार व्यक्ति देवजी भाई और रामा भाई गाँव में सूखे और अकाल की समस्या से निपटने के लिए गाँव के बच्चों को पानी के महत्व के बारे में जानकारी देते है उसके पश्चात गाँव की चौपाल पर ग्रामीणों को एकत्रित करके अकाल एवं सूखे के कारण बताते है और कहते है कि इस सब का मुख्य कारण हमारे द्वारा जंगलों और पहाड़ो का अंधाधुंध दोहन करना है। 

अतः हमें पर्यावरण को संरक्षित करना होगा, चारों तरफ वृक्षारोपण करना होगा साथ ही हमें स्वयं सहायता समूह बनाना होगा जिससे हमें हमारी फसलों का उचित दाम मिल सके इसके साथ ही वर्तमान समय में सरकार द्वारा कृषि विकास हेतु विभिन्न योजनाओं की जानकारी एवं कृषि ऋण आदि की जानकारी भी ग्रामीणों को देते है तथा पानी हेतु पारंम्परिक स्त्रोत जैसे कुए, बाबड़ी आदि के रख रखाव एवं सफाई आदि पर भी बात करते है और कहते है कि वर्तमान युग तकनीक और विज्ञान का युग है हमें हमारे खेतों में कृषि वैज्ञानिक बुुलाने चाहिए और मिटृी की जाँच करवानी चाहिए जिससे हमें यह पता लग सके कि कौनसी मिटृी में कौनसी फसल अच्छी होगी। और इन सब के साथ ही किसानों को स्वयं सहायता समूह बनाकर खेती करनी चाहिए ।

कार्यक्रम में किसानों की समस्याओं एवं उसके निराकारण को राजस्थान की पारंपरिक धागा कठपुतली के माध्यम से देख कर किसान मेले में आए किसानों और आमजन ने सरहाना की।