×

राजस्थान के लोकगीत एवं राजस्थान के दुर्ग पुस्तकें वितरित

 पन्नालाल मेघवाल द्वारा लिखित राजस्थान के लोकगीत एवं राजस्थान के दुर्ग
 

उदयपुर 3 मई 2022 । इंस्टिट्यूट ऑफ़ टाउन प्लानिंग सभागार में मंगलवार को भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटैक) उदयपुर चैप्टर साधारण सभा की बैठक में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक एवं इंटैक के आजीवन सदस्य पन्नालाल मेघवाल द्वारा लिखित राजस्थान के लोकगीत एवं राजस्थान के दुर्ग पुस्तकें इंटैक के 45 सदस्यों को वितरित की गई।

मेघवाल ने राजस्थान के लोकगीत पुस्तक में देवी-देवता, जच्चा-बच्चा, शादी-ब्याह, तीज-त्यौहार आदि 270 लोकगीत सम्मिलित किए हैं। यह पुस्तक 300 पृष्ठों की है। मेघवाल ने राजस्थान के दुर्ग ऐतिहासिक महत्व एवं शिल्प सौंदर्य पुस्तक में राजस्थान के 39 दुर्गों का शोधपूर्ण प्रामाणिक रोचक वृतांत प्रस्तुत किया है। इनमें कुंभलगढ़, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, रणथंभौर, गागरोन एवं आंबेर (आमेर) छः विश्व विरासत स्थल घोषित दुर्ग भी सम्मिलित हैं। 

इस अवसर पर चैप्टर के पूर्व संयोजक डॉ. बी.पी.भटनागर, संयोजक ललित पांडेय, सह संयोजक गौरव सिंघवी, आजीवन सदस्य महेश शर्मा, सतीश कुमार श्रीमाली, एस.एन.डोडिया, मनीष गोयल, रानू सिंघवी, महीप भटनागर, डॉ.एस.के. वशिष्ठ एवं विनोद अग्रवाल उपस्थित थे।