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170 साल बाद प्रथम महिला शिक्षिका मां सावित्री बाई फूले को मिला राजकीय सम्मान

माली समाज के साथ-साथ फूले के अनुयायियों में हर्ष की लहर
 
1851में माता सावित्रीबाई फुले ने 150 छात्रों के साथ महाराष्ट्र में तीन विद्यालय शुरू किए थे और सबसे पहले महिलाओं मैं जागृति भी माता सावित्रीबाई फुले की ही देन है 

उदयपुर 7 जुलाई 2020 ।  राजस्थान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए भारत की प्रथम महिला शिक्षिका मां सावित्री बाई फुले व महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा किए गए महान कार्य को ध्यान में रखते हुए उनके प्रति सम्मान प्रकट किया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री महोदय ने महात्मा फुले व माता सावित्रीबाई फुले के नाम से राज्य में अनेक योजनाओं को शुरू करने का ऐलान किया है। 

इस ऐलान से उदयपुर फूल माली समाज के साथ-साथ फुले के समस्त अनुयायियों में हर्ष की लहर व्याप्त है , जिसके लिए समाज काफी समय से संघर्षरत था। 

सैनी वर्ल्ड इकोनामिक फोरम ,उदयपुर के जिलाध्यक्ष महेश चंद्र गढ़वाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश अनुसार अब हर साल 3 जनवरी को भारत की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले का जन्म दिवस पूरे राज्य में महिला शिक्षिका दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा तथा माता के आदर्शों को स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। 

गौरतलब है कि 1851में माता सावित्रीबाई फुले ने 150 छात्रों के साथ महाराष्ट्र में तीन विद्यालय शुरू किए थे और सबसे पहले महिलाओं मैं जागृति भी माता सावित्रीबाई फुले की ही देन है मुख्यमंत्री के आदेश के चाहत अब राजस्थान के प्रत्येक जिले में एक राजकीय विद्यालय का नाम माता सावित्रीबाई फुले के नाम पर किया जाएगा और राज्य की सभी स्कूलों व महाविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबा फुले व माता सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा और तस्वीर सम्मान के साथ लगाई जाएगी। 

फोरम की ओर से गजेन्द्र माली, एडवोकेट भंवरलाल गढ़वाल, कैलाश माली, फूल माली समाज शाखा हाथीपोल अध्यक्ष टेकचंद दगदी, फूल माली समाज शाखा दुधपुरा के महामंत्री हरक लाल चांगवाल आदि समाज बंधुओं ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।