कोरोना से बचने के लिए बदलें अपनी आदते
जंक फूड देता है कई बीमारियों को आमंत्रण
आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति सर्वश्रेष्ठ
उदयपुर, 13 अप्रेल 2020। किसी गंभीर बीमारी से लड़ना और उससे बचना है तो आवश्यक है कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और इसके लिए उसे अपनी लाइफ स्टाइल बदलनी होगी। अधिकतर लोग बाहर का खाने के शौकिन होते है व कई स्थानों पर साफ-सफाई व शुद्धता के अभाव के कारण तथा विरूद्ध अन्न के सेवन से अनेक रोगों के होने की संभावना रहती है। यह कहना है आयुर्वेद विशेषज्ञ एवं योग विशेषज्ञ डॉ. शोभालाल औदिच्य का।
उन्होंने बताया कि नोवेल कोरोना की वजह से लॉकडाउन के चलते शहर व आसपास के क्षेत्रों के चौराहों गली-कूंचों एवं पॉश इलाकों में लगने वाले ठेले, रेस्टोरेंट्स खाने की होटल पूरी तरह बंद होने से खाने के लिए भी लोगों का बाहर आना बंद हो गया है जिसके परिणामस्वरूप हॉस्पिटल-औषधालयों में इन दिनों पेट दर्द, गैस, एसिडिटी, स्किन डिजीज, मोटापा, हाइपरटेंशन, माइग्रेन आदि के रोगियों की संख्या कम हो गई है। पहले जहां एक ओर इस प्रकार के रोगियों की सभी अस्पतालों में लंबी कतार लगी रही थी, अब इक्का-दुक्का ही नजर आने लगे है। डॉ. औदिव्य ने यह भी बताया कि जहां एक और हॉस्पिटल की ओपीडी में लगभग 100 से 125 लोग आते थे उनमें से 30-35 प्रतिशत रोगी इस प्रकार के रोगों से ग्रस्त हुआ करते थे।
जंक फूड देता है कई बीमारियों को आमंत्रण:
उन्होंने बताया कि फास्टफूड, जंकफूड मैदा, रिसाइकिल फूड, होटलों की चाय एवं कई प्रकार के विरुद्ध अन्न का सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियां होती है। लोग देर रात तक रेस्टोरेंट व ठेलों पर चाट के चटकारें लेते रहते थे लेकिन इस समय आमजन की दिनचर्या में परिवर्तन के परिणाम उनका स्वास्थ्य ठीक रहने लगा है।
आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति सर्वश्रेष्ठ
उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यदि अपने जीवन में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति के सिद्धांतों की पालना नियमित रूप से की जाए तो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी और जिससे समय-समय पर होने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति में खाना पचाने की क्षमता अच्छी होती है, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और ऐसे व्यक्ति को कोई रोग नहीं हो सकता।
ये है विरूद्ध अन्न
उन्होंने बताया कि दूध के साथ ब्रेड, मछली, खट्टी वस्तुओं, मूली का सेवन तथा दूध व केले का एक साथ सेवन, रात्रि में दही का सेवन, दही में नमक मिलाना, शहद और घी का समान मात्रा में सेवन आदि विरूद्ध अन्न है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बीमार होने की संभावना रहती है।
ये करना होगा:
उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ऋतु के अनुसार फलों का सेवन तथा नियमित सुबह दो से तीन किलोमीटर घूमना होगा। लॉकडाउन की अवधि में घर की छत अथवा लॉन में ही घूमे। नियमित योग, प्राणायाम व आसानी से होने वाले व्यायाम करें। समय पर शुद्ध व सात्विक भोजन करे। दिन में नहीं सोए तथा रात्रि में देर तक नहीं जागे। प्रकृति के साथ चलकर ही व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।