मुख्यमंत्री की लोगों से अपील कोरोना वायरस को लेकर गंभीरता बरतें
जयपुर-उदयपुर, 15 मार्च 2020 । मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि विश्व के 152 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस को लेकर गंभीरता बरतें और मेले, आयोजनों, सार्वजनिक स्थलों एवं अन्य भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कोरोना को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों को संबोधित कर रहे थे।
बीमारी की गंभीरता के बारे में जागरूकता फैलाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बीमारी की गंभीरता और विश्वभर में इसके असर के बारे में भी बताया जाए। कोरोना वायरस की भयावता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी और अमेरिका इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात के लिए जागरूक करना होगा कि यह वायरस तेजी से फैलता है, इसलिए किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चीन के बाद इटली और ईरान में भी हालात गंभीर हैं और संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अमेरिका एवं यूरोपीय देशों सहित विश्व के कई देशों में यह वायरस फैल चुका है। विश्वभर में अभी तक 5 हजार 800 से ज्यादा लोगों की मौत इस वायरस के कारण हो चुकी है।
जनता जागरूक होगी तो वायरस हारेगा
गहलोत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम एवं बीडीओ के स्तर पर सरपंचों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर इस वायरस के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इस बात का प्रयास किया जाए कि लोग खुद समझदारी दिखाएं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाएं। प्रदेश की जनता जागरूक हो जाएगी तो हम इस वायरस का मुकाबला करने में सक्षम होंगे।
पैम्पलेट, बैनर, हॉर्डिंग्स, शॉर्ट फिल्म के माध्यम से करें जागरूक
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में वर्षों से आयोजित होने वाले मेलों एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन पर किसी तरह की रोक न लगाकर स्थानीय स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाए ताकि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने जिला कलक्टरों एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेलों एवं कार्यक्रमों के आयोजकों तथा प्रबंधकों के साथ चर्चा कर सुनिश्चित करें कि ज्यादा भीड़ इकठ्ठी नहीं की जाए ताकि वायरस का व्यापक स्तर पर संक्रमण होने की कोई आशंका नहीं हो।
गहलोत ने कहा कि पैम्पलेट, बैनर, हॉर्डिंग्स, शॉर्ट फिल्म जैसे माध्यमों का इस्तेमाल कर लोगों को इस वायरस के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से छपवाए पैम्पलेट लोगों में बांटे जाएं। उन्होंने आशा सहयोगिनियों, एएनएम एवं नर्सिंग छात्रों का सहयोग लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने और बीमारी के किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर व्यक्ति की तुरंत जांच कराने के निर्देश दिए।
विदेशी पर्यटकों की स्क्रीनिंग की जाए
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जैसलमेर, झुंझुनूं सहित अन्य जिलों जहां विदेशी पर्यटक आते हैं, वहां के कलक्टरों से कोरोना वायरस से बचाव को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी ली और उन्हें टीमें गठित कर घर-घर जाकर लोगों में भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाने के बारे में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। उन्होंने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेण्ड, होटलोें आदि पर स्क्रीनिंग करने के निर्देश भी दिए।
मास्क, सेनिटाइजर की कालाबाजारी नहीं हो
गहलोत ने सभी जिला कलक्टरों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित करें कि मास्क एवं सेनिटाइजर सहित जरूरी उपकरणों एवं वस्तुओं की कालाबाजारी नहीं हो। किसी तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाए।
अभी तक डेढ़ लाख घरों का सर्वे
वीसी के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पूरे प्रदेश में 1 लाख 48 हजार 188 घरों का सर्वे किया जा चुका है। जिला कलेक्टरों ने बताया कि देशी-विदेशी पर्यटकों की अलग से स्क्रीनिंग की जा रही है। होटल एसोसिएशन के साथ बैठकें की जा रही हैं। समूहों में आने वाले विदेशी पर्यटकों की जांच चिकित्सा विभाग के दल होटलों में जाकर कर रहे हैं। इसके अलावा विदेश यात्रा से लौटे स्थानीय लोगोें की भी स्क्रीनिंग के बाद लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और बीमारी से जुड़े लक्षण दिखाई देने पर ऐसे व्यक्ति को आईसोलेशन में रखा जा रहा है।
जैसलमेर कलक्टर ने बताया कि ईरान से आए 236 लोगों को आर्मी एरिया में बनाए गए आईसोलेशन प्लेस पर रखा गया है। वहां अभी 500 लोगों के लिए जगह है। झुंझुनूं कलक्टर ने बताया कि मण्डावा में आए इटली के दल के सम्पर्क में रहे लोगों की स्क्रीनिंग करवाई गई है और जिस होटल में वे रूके थे वहां 13 कमरों को सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव कर डिस्इन्फेक्ट किया गया है।
जयपुर कलक्टर ने बताया कि जिले में अभी तक 55 हजार से ज्यादा घरों पर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सर्वे किया है। सार्वजनिक स्थलों पर छिड़काव किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कलक्टरों से कहा कि टीमें गठित कर घरों का सर्वे करवाया जाए। सीएमएचओ जिला स्तर पर मॉनिटरिंग करें। ईरान से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने बीमारी से बचने के उपायों के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर देने के निर्देश दिए।
जिलों में कोरोना की रोकथाम के लिए कलक्टर नॉडल अधिकारी
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि राजस्थान ऐपिडेमिक एक्ट-1957 के तहत कोविड-19 (कोरोना) को नॉटिफाई किया जा चुका है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर तथा झालावाड़ मेडिकल कॉलेजों में कोरोना वायरस की जांच सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में अभी तक 400 से अधिक लोगों की जांच के लिए सेम्पल लिए गए थे।
इनमें से 4 पॉजिटिव पाए गए थे, जिनमें 2 इटली के नागरिक भी शामिल हैं। 4 पॉजिटिव लोगों के इलाज के बाद 3 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इटली से आए दल के सम्पर्क में आए लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। सीधे सम्पर्क में आए 118 लोगों के सेम्पल लिए गए थे, जो जांच में नेगेटिव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिलों में कोरोना की रोकथाम के लिए जिला कलक्टर को नॉडल अधिकारी बनाया गया है। प्रदेश की 11,152 ग्राम पंचायतों पर विशेष ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के प्रति जागरूक किया गया है।
सभी मेडिकल कॉलेजों एवं जिला स्तर पर आईसोलेशन वार्ड
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज स्तर पर रेपिड रेस्पॉन्स टीमें गठित की गई हैं। जिला स्तर पर गठित रेपिड रेस्पॉन्स टीमों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि सरकारी हैल्थ सिस्टम के अलावा निजी चिकित्सालयों एवं रेलवे के हॉस्पिटल्स की मदद ली जा रही है। एसएमएस अस्पताल में अलग से 30 बैड का आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों एवं जिला स्तर पर भी आईसोलेशन वार्ड की सुविधा उपलब्ध है। संदिग्ध रोगियों को क्वारेंटाइम करने के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं।
इस अवसर पर सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती मंजू राजपाल, एनएचएम निदेशक नरेश ठकराल, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, स्टेट हैल्थ एश्यारेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती शुचि त्यागी, राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार तथा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।