फीस वसूली को लेकर छात्रों का प्रदर्शन, न मास्क न सोशल डिस्टेसिंग, कोविड प्रोटोकॉल की उडी धज्जियाँ
छात्रों ने राजस्थान सरकार के खिलाफ किया धरना प्रर्दशन
विश्वविद्यालय में फीस वसूली को लेकर छात्रों ने रखी मांगे
कोरोना काल में मनमानी फीस को लेकर स्कूलों के बाद अब कॉलेजों के छात्र मनमानी फीस वसूलने को रोड़ पर उतर आए है और नारेबाजी कर आक्रोश जताया। छात्रों ने रैली सेवा आश्रम चौराहे से शुरु की और कलेक्ट्री पर मनमानी फीस वसूली को लेकर राजस्थान के सरकार के खिलाफ धरना प्रर्दशन किया।
इस रैली में छात्र कोरोना गाइडलाइन की पालना करना भूल गए। रैली में छात्रों ने सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ा दी। इसके साथ ही मास्क लगाना भी भूल गए। वहीं प्रदर्शन के बाद जोधपुर की जयनारायण व्यास युनिवर्सिटी के अध्यक्ष रवींद्र सिंह भाटी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ जिला कलेक्टर को कर ज्ञापन सौपा।
जोधपुर की जयनारायण व्यास युनिवर्सिटी के अध्यक्ष रवींद्र सिंह भाटी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण आज हर व्यक्ति प्रभावित है। सभी प्रकार के आर्थिक क्रियाकलाप इस महामारी के कारण बन्द है और घोर आर्थिक संकट पैदा हो चुका है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करना मुश्किल हो गया है। महामारी के इस दौर में विद्यार्थी वर्ग भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। शिक्षण कार्य ठप्प होने की वजह से उनका शैक्षणिक स्तर पर असर पड़ा है। अगर छात्र समुदाय की मांगों को नहीं माना जाता है तो आमरण अनशन प्रदेश के हर विश्वविद्यालय और कॉलेज में शुरू किया जाए और किसी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
विश्वविद्यालय में फीस वसूली को लेकर छात्रों ने रखी मांगे
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेज में काफी समय से भौतिक रूप से बंद है। छात्रों द्वारा इसके संसाधनों का उपयोग नहीं किया है बावजूद इसके विश्वविद्यालय और कॉलेजों द्वारा बेवजह कई संसाधनों और मदों के नाम पर फीस की वसूली की जा रही है जो गलत है। हमारी मांग है 2 साल से जो बेवजह फीस ली गई है उसको या तो छात्रों को वापिस किया जाए या इस सत्र में समायोजित किया जाए।
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में कोरोना वायरस के कारण ज्यादातर विद्यार्थियों को अगले सत्र के लिए प्रमोट किया गया है। इसके बावजूद परीक्षा शुल्क सभी विद्यार्थियों से लिया गया। जिन छात्रों की परीक्षा हुई ही नहीं उनसे बेवजह परीक्षा शुल्क लिया गया है जो बहुत ही गलत है। इसलिए हमारी मांग है कि छात्रों को परीक्षा शुल्क अतिशीघ्र वापस किया जाए।
कोरोना की तीसरी लहर की पूरी संभावना विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की जा रही है। इसलिए हमारी मांग है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाओं और पाठ्यक्रम की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि पहले से पीड़ित विद्यार्थियों का शैक्षणिक कार्य और अधिक प्रभावित ना हो।