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सांसद दीया कुमारी ने राजस्थानी भाषा को मान्यता हेतु पत्र लिखा

राजस्थानी भाषा की तरफदारी की सांसद दीया कुमारी

 

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा मेवाड़ के जिलाध्यक्ष यादवेंद्र सिंह रलावता ने बताया कि विगत दिनों अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा मेवाड़ द्वारा आयोजित "क्षत्रिय प्रतिभा सम्मान समारोह" में विश्वराज सिंह मेवाड़, विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत की उपस्थिति में राजस्थानी भाषा मोट्यार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवदान सिंह जोलावास ने सांसद दीया कुमारी को राजस्थानी भाषा को प्रदेश की राजभाषा बनाए जाने हेतु पत्र प्रेषित किया, पत्र में राजस्थानी भाषा को राजस्थान संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर मान्यता प्रदान करने का निवेदन किया । 

उक्त पत्र के उपरांत सांसद दीया कुमारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जन भावनाओं से अवगत कराया एवं पत्र में उल्लेख किया कि राजस्थान का भाषा साहित्य, संस्कृति और इतिहास की दृष्टि से समद्धशाली और विशाल रूप लिये हुए है जो कि अपनी विशिष्ठ छवि रखता है। 

दुनियाभर के शोध करने वाले विद्यार्थी इन विषयों पर शोध कर राजस्थानी भाषा साहित्य की परम्परा से समाज को अवगत कराते हुए गौरांवित महसूस कर रहे हैं। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बोले जाने वाली स्थानीय भाषा होने के कारण दैनिक दिनचर्या व वार्तालाप का सशक्त माध्यम है। राजस्थानी भाषा को प्रदेश की राजभाषा और संवैधानिक दर्जा दिलाए जाने के लिए समय-समय पर विभिन्न संगठनों और आमजन के द्वारा पुरजोर मांग की जाती रही है परन्तु अभी तक कोई सकारात्मक सफलता एवं कार्यवाही सामने नहीं आई है । 

सांसद दिया कुमारी ने राजस्थान के स्थानीय निवासियों की भावनाओं और मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में राजस्थानी भाषा को शामिल करवाते हुए मान्यता प्रदान किये जाने के लिए अनुरोध किया ।

मोट्यार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवदान सिंह जोलावास ने कहा कि 4 करोड़ से अधिक लोगों ने जनगणना में अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी लिखवाई है । लंबे समय से सँघर्ष के बावजूद राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव के कारण जनता की इच्छा को अनदेखा किया जा रहा है एवं मां भाषा को समुचित सम्मान नहीं मिलना दुखद है । जनप्रतिनिधियों की इस पहल का राजस्थानी भाषा को राजस्थान संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर मान्यता प्राप्त होने के साथ सम्मान मिलेगा ।