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शहर के रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर लगा विराम 

अस्पतालों की बिगड़ती व्यवस्था अब वापस आई ट्रेक पर, रेजिडेंट डॉक्टर्स लौट ड्यूटी पर

 

उदयपुर -  28 नवम्बर से चल रही रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगो को लेकर चल रही हड़ताल पर आखिर विराम चिन्ह लग गया है।  जानकरी के मुताबिक राज्य सरकार ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की 8 मांगो पर सहमति जताते हुए आश्वासन दिया है।  हालाँकि इस हड़ताल का मुख्य कारण नीट काउंसिलिंग में देरी रहा। कोरोना के चलते नीट पीजी की परीक्षा करीब 8 माह की देरी से हुई।

इस दौरान डॉक्टर अंतिम वर्ष के रिजल्ट पास आउट कर चले गए। लेकिन प्रथम वर्ष के लिए नए रिजल्ट काउंसलिंग अटक जाने से नहीं आए। इस कारण से द्वितीय वर्ष व अंतिम वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टर का कार्य भार बढ गया। जबकि वे बड़े ऑपरेशन सहित अन्य काम करते हैं। मौजूद अंतिम वर्ष के रेजीडेंट का एक साल भी जल्द खत्म हो रहा है और वे ज्यादातर समय वार्ड के कामों में ही उलझे रहे उनके स्तर का कार्य अनुभव उन्हें नहीं मिल पा रहा था। 

आल राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन के साथ सभी माँगो पर अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ वीर बहादुर सिंह की मध्यस्थता में समझौता पत्र तैयार हुआ था। जिस पर सभी रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के पधाधिकारियों की उपस्थिति में प्रिंसिपल सेक्रटरी वैभव गलरिया के निवास पर 7 दिसम्बर को देर रात समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। 8 दिसम्बर को देर रात से हड़ताल समाप्ति की घोषणा की और सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स काम पर लौटे।

अब उदयपुर के एमबी अस्पताओं में अब रोगियों को भर्ती करना शुरू कर दिया गया है। डॉ नवरतन शर्मा (एसोसिएशन पदाधिकारी) ने बताया की राज्य सरकार ने 8 सुत्रीय मांगे थी जो मान ली है।  मांगो पर सहमति जताते हुए लिखित पत्र दिया है। आज सुबह 9 बजे से वापस अभी रेजिडेंट डॉक्टर्स ड्यूटी पर लौट आये है। आईसीयू और ओपीडी की सेवाएं सुचारु रूप से वापस शुरू हो गया है। डॉ शर्मा ने बताया की 8 मांगो से 2-3 मांगो पर राज्य सरकार ने कुछ समय माँगा है।