नाटक ‘‘किरायेदार’’ का प्रभावी मंचन
नाटक ‘‘किरायेदार’’ एक 65 वर्षीय भूपेन बाबू और उनके प्रिय कमरे किराये पर देने के लिए भूपेन बाबू ने अखबार में इश्तहार तक निकलवा दिया। बस कहानी शुरू और खत्म भी इसी कमरे से होती है । कैसे भूपेन बाबू को कमरा किराये पर उठाने और दोगुना लाभ कमाने के चक्कर में कभी कभी झाडू भी खानी पडती है, तो कभी किसी को खरी खोटी बात तो शाहजहाॅ तक पहुॅंच जाती है जहाॅ राजदरबार में दिलावर खां के हाथो गर्दन धड से अलग होते होते बचती है । अरे भई हद तो इतनी हो जाती है कि खुद को ही शोकसभा तक में बेैठना पडता है। नाटक किरायेदार में हास्य रस से सराबोर यह नाटक नये युवा कलाकारों के साथ एक नई प्रस्तुति है।
भारतीय लोक कला मण्डल के रंगमंच पर राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर एवं भारतीय लोक कला मंडल द्वारा दी परफोरमर्स के सहयोग से नाटक ‘‘किरायेदार’’का प्रभावी मंचन हुआ।
संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर व मानद सचिव, रियाज तहसीन ने बताया कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर की मासिक नाट्य योजना के तहत भारतीय लोक कला मंडल व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा दी परफोरमर्स के सहयोग से परम्परा नाट्य समिति, जयपुर द्वारा नाटक ‘‘किरायेदार’’ की प्रभावशाली प्रस्तुति पेश की गई। उन्होने बताया की नाटक ‘‘किरायेदार’’ एक 65 वर्षीय भूपेन बाबू और उनके प्रिय कमरे किराये पर देने के लिए भूपेन बाबू ने अखबार में इश्तहार तक निकलवा दिया। बस कहानी शुरू और खत्म भी इसी कमरे से होती है । कैसे भूपेन बाबू को कमरा किराये पर उठाने और दोगुना लाभ कमाने के चक्कर में कभी कभी झाडू भी खानी पडती है, तो कभी किसी को खरी खोटी बात तो शाहजहाॅ तक पहुॅंच जाती है जहाॅ राजदरबार में दिलावर खां के हाथो गर्दन धड से अलग होते होते बचती है । अरे भई हद तो इतनी हो जाती है कि खुद को ही शोकसभा तक में बेैठना पडता है। नाटक किरायेदार में हास्य रस से सराबोर यह नाटक नये युवा कलाकारों के साथ एक नई प्रस्तुति है।
कार्यक्रम के अन्त में मानद सचिव, रियाज तहसीन ने सभी कलाकारो का माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस नाटक के लेखक नारायण गंगोपाध्याय व निर्देशक दिलीप भट्ट एवं मुख्य पात्रो में चन्दन, कुलभूषण, सूरज, ऋषभ, अफसाना, विपुल, सचिन, आमिर, सुनिल, नितिन, ईशान, लखनपाल, मणिभूषण, शुभम, सूरज, विजय, दिलीप कि भूमिका बहुत ही सराहनीय थी तथा मंच सज्जा व प्रकाश संचालन रवि, लव, निरज एवं सुनिल का प्रशंसनीय था।
गोवर्धन सामर ने बताया कि मासिक नाट्य योजना के अन्तर्गत प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को नाटक का मंचन किया जा रहा है।