लॉकडाउन के बाद भी प्रवासी श्रमिकों को रास आ रहा है हमारा उदयपुर
उदयपुर। वैश्विक महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावनाओं के कारण घोषित लॉकडाउन अवधि में उदयपुर जिले में प्रवासरत देश के 10 से अधिक राज्यों के श्रमिकों को जिला प्रशासन द्वारा उनके गृहराज्य में भेजने के लिए आमंत्रित करके अधिकांश श्रमिकों को स्पेशन ट्रेन व बसों के माध्यम से भले ही भेजा जा चुका हो तथापि 7 हजार 546 प्रवासी श्रमिक ऐसे हैं जो प्रशासन के आमंत्रण के बावजूद अपने गृह राज्य में लौटने के स्थान पर उदयपुर में ही रहने की ईच्छा जताते हुए आजीविका अर्जन में जुट गए हैं।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओ.पी. बुनकर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार अन्य राज्यों के प्रवासियों को उनके गन्तव्य राज्यों तक पहुँचाने एवं अन्य राज्यों से उदयपुर के प्रवासियों को वापस लाने का कार्य जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी के निर्देशन में जिला प्रशासन की टीम पूर्ण उत्साह के साथ कर रही है। अब तक समन्वित प्रयासों से जिले में रह रहे 16 हजार 278 प्रवासियों को उनके गृह राज्य में भेजा जा चुका है, इनमें से 15 हजार 179 श्रमिकों को 12 स्पेशल ट्रेन से तथा बसों से 1 हजार 99 श्रमिकों को उनके गंतव्य तक भेजा गया है।
10 राज्यों के 7 हजार 546 श्रमिक अभी भी यहां
बुनकर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों पर प्रशासन द्वारा जिले में रह रहे कुल 23 हजार 824 प्रवासियों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए आमंत्रण भेजा गया था, इसमें से 16 हजार 278 प्रवासियों ने ही सरकार की ओर से की गई व्यवस्था के अनुरूप रेल तथा बसों से अपने गृह राज्यों के लिए प्रस्थान किया।
उन्होंने बताया कि इसके बावजूद वर्तमान में उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, ओडिशा, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों के 7 हजार 546 प्रवासी अपने घर नहीं जाकर उदयपुर जिले में ही प्रवासरत है और अपने पूर्व कार्यक्षेत्रों में काम में जुट गए है वहीं ऐसे प्रवासियों को जिला प्रशासन द्वारा जिला उ़द्योग केन्द्र के माध्यम से विभिन्न इकाइयों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इधर, जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में एमएसएमई की 820 इकाइयों में 8541 श्रमिक कार्यरत है जिनमें से 935 प्रवासी कार्य कर रहे है। वहीं वृहद स्तर की 24 इकाइयों में 4804 श्रमिकों में 385 प्रवासी श्रमिक कार्यरत है। जिले में अब धीरे-धीरे औद्योगिक इकाईयां प्रारंभ हो रही है और श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।