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माईनिंग क्षेत्र में क्वालिफाईड कर्मचारियों की बेहद कमी – श्री एम.एल. लूणावत

‘‘माईनिंग के क्षेत्र में क्वालिफाईड स्टाफ की बहुत कमी है। आने वाले समय में पर्यावरण संबंधी क्लियरंेस प्राप्त करने एवं सरकारी नियमों के अनुसार माईनिंग गतिविधियां संचालित करने के लिये बहुत बड़ी संख्या में खनन एवं पर्यावरण के फील्ड में क्वालिफाईड एवं पूर्ण रूप से प्रषिक्षित कर्मचारियों की बहुत आवष्यकता रहेगी।

 

‘‘माईनिंग के क्षेत्र में क्वालिफाईड स्टाफ की बहुत कमी है। आने वाले समय में पर्यावरण संबंधी क्लियरंेस प्राप्त करने एवं सरकारी नियमों के अनुसार माईनिंग गतिविधियां संचालित करने के लिये बहुत बड़ी संख्या में खनन एवं पर्यावरण के फील्ड में क्वालिफाईड एवं पूर्ण रूप से प्रषिक्षित कर्मचारियों की बहुत आवष्यकता रहेगी।

खनन एवं पर्यावरण सम्बन्धी सरकारी नियमों की पूर्ण जानकारी रखने वाले कर्मचारियों के माध्यम से ही मिनरल उत्खनन की गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी। हालांकि सरकार की मंषा पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करने की है किंतु खनन से संबंधित सरकारी कानून बहुत सख्त हैं। खनन से जुडे उद्यमियों का भी यह पूर्ण प्रयास है कि पर्यावरण का संरक्षण करते हुए एवं सभी सरकारी नियमों की पालना करते हुए मिनरल उत्खनन कर देष के आर्थिक विकास में भागीदार बनें।’’

उपरोक्त विचार यूसीसीआई की खनन सब कमेटी के चेयरमेन पूर्वाध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत ने व्यक्त किये। वे उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री तथा खान एवं भू विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “पर्यावरण प्रबंधन योजना एवं पर्यावरण एवं पर्यावरण प्रभाव आंकलन“ विशय पर आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधिक्षण खनि अभियन्ता श्री मधूसूदन पालीवाल ने बताया कि खान विभाग के अधिकारियों तथा खनन से जुड़े उद्यमियों को पर्यावरण प्रबंधन एवं पर्यावरण प्रभाव के विशय में जानकारी देने हेतु इस प्रषिक्षण कार्यक्रम की सोच जनवरी माह में आरम्भ हुई थी।

राजस्थान सरकार की खनन क्षेत्र में ैापसस क्मअमसवचउमदज करने की प्राथमिकता है व केन्द्र सरकार भी ैापसस क्मअमसवचउमदज पर बहुत कार्य कर रही है। यह प्रषिक्षण कार्यक्रम इसी कड़ी में आयोजित किया जा रहा है जिसमें खान विभाग के 15 उच्च अधिकारी व माइनिंग इण्डस्ट्री के 15 प्रतिनिधि एक साथ ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। यूसीसीआई के संरक्षक श्री अरविन्द सिंघल एवं खनन उपसमिति के चेयरमेन पूर्वाध्यक्ष श्री एम.एल. लूणावत के योगदान के परिणामस्वरूप आज इस तीन दिवसीय प्रषिक्षण षिविर के द्वितीय बेच का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार की पर्यावरण क्लीयरेन्स समिति में सलाहकार – श्री पी.के वर्डिया ने कहा कि ईसा से सैंकड़ो वर्श पूर्व चाणक्य ने अपने अर्थषास्त्र में लिखा था कि किसी भी राश्ट्र की समृद्धि वहां उपलब्ध प्राकृतिक खनिज सम्पदा से आंकी जाती है। इस प्रकार भारत में खनन का महत्व प्राचीन काल से ही है। किंतु खनन क्षेत्र में आपराधिक प्रवृति के लोगों के आ जाने तथा अवैज्ञानिक ढंग से खनन के कारण यह व्यवसाय बदनाम हुआ है।

श्री वर्डिया ने प्रधानमंत्री द्वारा पुराने एवं अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त करने की मुहिम का जिक्र करते हुए खनन क्षेत्र में भी नियमों का सरलीकरण किये जाने की आवष्यकता पर बल दिया। श्री वर्डिया ने खान विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया कि नियमों की पालना करने वाले तथा वैज्ञानिक पद्धति से खनन गतिविधियां संचालित करने वाले उद्यमियों को विभाग द्वारा प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिये।

यूसीसीआई के संरक्षक श्री अरविन्द सिंघल ने कहा कि आज पर्यावरण एक महत्वपूर्ण विशय है। कुछ वर्श पूर्व सरकार एवं खनन उद्यमियों का ध्यान पर्यावरण संरक्षण ओर आकर्शित हुआ। श्री सिंघल ने प्रतिभागियों ने अनुरोध किया कि वे प्रषिक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी खनन से जुड़े अन्य लोगो तक भी पहुंचाये जिससे इसका फायदा अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचे। श्री सिंघल ने सुझाव दिया कि इस प्रषिक्षण षिविर में उपस्थित खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधिकारी भी खनन उद्यमियों को वैज्ञानिक एवं नियमानुसार खनन के प्रति जागरूकता एवं मार्गदर्षन प्रदान करें।

कार्यक्रम के विषिश्ट अतिथि कृशि एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के खनन अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस.एस. राठौड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रायः यह प्रचारित किया जाता है कि खनन एवं पर्यावरण एक दूसरे के विपरित हैं। किंतु सच्चाई यह है कि प्रायः सभी उद्योगो को कच्चा माल प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से खनन के माध्यम से ही उपलब्ध होता है।

श्री राठौ़ड़ ने इस तथ्य पर चिंता प्रकट की कि देष के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में माइनिंग का प्रतिषत 4 प्रतिषत से घट कर 2 प्रतिषत रह गया है। सरकारी उदासीनता के चलते माईनिंग सम्बन्धी कई प्रोजेक्टस के पेडिंग होने पर श्री राठौड़ ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने मिनरल उत्खनन हेतु आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर बल दिया। चीन का उदाहरण देते हुए श्री राठौड ने बताया कि वहां कम से कम नुकसान एवं लागत में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

श्री राठौड़ ने बताया कि खनन नियमों के अनुसार एक निष्चित गहराई तक मिनरल उत्खनन के बाद खनन नहीं किया जाना चाहिए किंतु कतिपय कम्पनियों द्वारा इसके बाद भी खनन कार्य जारी रखा जाता है जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं घटित होती है एवं खनन गतिविधियों पर आक्षेप लगता है।

श्री राठौड़ ने अरावली पर्वत श्रृंखला की परिभाशा तथा इसकी परिधि में खनन सम्बन्धी गतिविधियों पर भी चर्चा की। उन्होंने उद्योगो से उत्सर्जित होने वाले खतरनाक अपषिश्ट के निस्तारण में सक्रिय भूमिका अदा करने पर यूसीसीआई की सराहना की।

खनन के अलावा राज्य की टैक्सटाईल इण्डस्ट्री के समक्ष आ रही पर्यावरण सम्बन्धी समस्याओं का भी श्री राठौड़ ने उल्लेख किया। उन्होंने पर्यावरण क्लीयरेन्स प्राप्त करने में लगने वाले समय को भी कम किये जाने पर जोर दिया।

उदघाटन सत्र के आरम्भ में सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों द्वारा दो मिनट का मौन रखकर भारत एवं नेपाल में भूकम्प के कारण हताहत हुए व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इंजिनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया, हैदराबाद की कार्यक्रम निर्देषिका श्रीमती एम. षुभा ने प्रषिक्षण षिविर की रुपरेखा प्रस्तुत की। श्रीमति षुभा ने इंजिनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया के विशय-विषेशज्ञों के बारे में भी जानकारी दी।

कार्यक्रम के आरंभ में यूसीसीआई के वरिश्ठ उपाध्यक्ष श्री वी.पी. राठी ने सभी का स्वागत किया। खान एवं भू-विज्ञान विभाग के अतिरिक्त निदेषक श्री आर.के. हिरात ने भी विचार रखे।

इस प्रषिक्षण षिविर में खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधिकारियों के अलावा श्री सीमेंट, हिन्दुस्तान जिंक, वॉल्केम इंडिया, त्रिनेत्रा सीमेन्ट, माईन इनफोटैक, एसोसिएटेड सोपस्टोन डिस्ट्रीब्यूटिंग कम्पनी, अपैक्स मिनटेक, लाफार्ज सीमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर लोजिस्टिक्स, जैन माईन्स एण्ड टैक्नीकल कन्सल्टेंटस आदि कम्पनियों से आये प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।

उद्घाटन सत्र कार्यक्रम का संचालन खान एवं भू विज्ञान विभाग के अधिक्षण खनि अभियन्ता श्री मधुसुदन पालीवाल ने किया। कार्यक्रम के अन्त में यूसीसीआई के उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।