फेसबुक का नया ट्रेंड: कॉन्फेशन पेज पर अध्यापको की बुराई
स्कूल के समय में जाने-अनजाने की गयी गलतियाँ, मस्तियाँ या शैतानियाँ जिसकी हमे माफ़ी मांगनी हो या अपने पहले प्यार का इजहार जो आज तक कभी कर नही पाए हो तो फेसबुक के प्रपोजल और कॉन्फेशन पेज आजकल फेमस है।
कुछ स्कूली छात्रों ने अपने स्कूल के नाम से कंफेशंस पेज तैयार किए है जिनपर उनकी स्कूल से जुड़े छात्र अपने विचार भेजते है, और इन पेज पर बिना कोई पहचान बताए इन कमेंट्स को लगा दिया जाता हैं जिन्हें कोई भी पढ़ सकता हैं।
इन फेसबुक पेज के शुरू होते ही मानो हर स्कूल के छात्रों को अपनी बात कहने का जैसे कोई मंच मिल गया हो और हर दिन आने वाले कमेंट्स देखकर तो बस ऐसा ही लगेगा की इसकी बात में दम हैं।
पर अपने विचारो को व्यक्त करने के लिए बनाए गए इन पेज पर कुछ आपत्तिजनक कमेंट्स छात्र छात्राओं के उनके टीचर्स के प्रति विचारो को बताते है जो की आश्चर्यजनक ही नहीं बल्कि शर्मनाक भी है।
टीचर्स पर फब्तियां या बहुत ही निजी कमेंट्स का लिखना जिसमे कमेंट्स लिखने वाले का नाम नहीं आता मगर जिसके बारे में लिखा गया है उसकी पहचान बताना एक कठिन स्थिति पैदा कर सकता है।
इस तरह के पेज लगभग तीन बड़े स्थानीय स्कूल के नाम से बना रखे हैं, जहा सैकड़ो की संख्या में लाइक आते है और कुछ पेज पर तो आंकड़ा हजार से उपर पहुँच चूका हैं।
कॉन्फेशन पेज के ज़रिये क्या युवाओं को विचारों को व्यक्त करने की आज़ादी दी जानी चाहिए? यह एक बहस का मसला है पर बहस करेगा कौन और किससे? क्योकि यहाँ न विचार व्यक्त करने वाला सामने आना चाहता है न ही वह जो इसके खिलाफ हो वह ।