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किसान 31 जुूलाई तक करवा सकेंगे खरीफ फसलों का बीमा

ऋणी, गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक भी करा सकते है बीमा

 

उदयपुर 12 जुलाई 2024। कृषि विभाग की ओर से कृषक हितों को ध्यान में रखते हुए खरीफ फसलों की सुरक्षा के उद्देश्य से बीमा सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। संयुक्त निदेशक माधोसिंह चम्पावत ने बताया कि किसानों के लिए खरीफ 2024 फसल बीमा की अवधि 31 जुलाई तक रखी गई है। 

उदयपुर जिले के लिए एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। फसल बीमा योजना में फसलों की बुवाई से कटाई तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के उत्पादन में होने वाली कमी के अनुसार संबंधित बीमित किसानों को फसलों में हुए नुकसान का क्लेम देने का प्रावधान है। उदयपुर जिले में अधिसूचित फसलों के बीमा हेतु किसानों को कुल बीमित राशि का केवल 2 प्रतिशत ही प्रीमियम के रूप में जमा करवाना है।

यह रहेगा प्रावधान

संयुक्त निदेशक चंपावत ने बताया कि किसान द्वारा मक्का की फसल के लिए बीमित राशि 33597 रुपये प्रति हेक्टेयर पर देय प्रीमियम राशि 671.94 रुपये प्रति हेक्टेयर रहेगी। वहीं सोयाबीन के लिए बीमित राशि 45014 रुपये प्रति हैक्टेयर पर देय प्रीमियम राशि 900.28 प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। ग्वार के लिए बीमित राशि 39501 रुपये प्रति हेक्टेयर पर देय प्रीमियम राशि 790.02 रुपये  प्रति हेक्टेयर है। ज्वार के लिए बीमित राशि 20536 रुपये प्रति हैक्टेयर पर देय प्रीमियम राशि 410.72 रुपये प्रति हेक्टेयर रहेगी। धान के लिए बीमित राशि 26735 रुपये प्रति हैक्टेयर पर देय प्रीमियम राशि 534.7 रुपये रुपये प्रति हेक्टेयर रहेगी। उड़द के लिए बीमित राशि 36669 रुपये प्रति हैक्टर पर देय प्रीमियम राशि 733.38 रुपये प्रति हैक्टर, अरहर के लिए बीमित राशि 73116 रुपये प्रति हैक्टेयर पर देय प्रीमियम राशि 1462.32 रुपये प्रति हैक्टर और कपास के लिए बीमित राशि 31530 रुपये प्रति हैक्टेयर के लिए देय प्रीमियम राशि 630.6 रुपये प्रति हैक्टेयर निर्धारित की गई है।

ऋणी, गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक भी करा सकते है बीमा

संयुक्त निदेशक ने बताया कि ऋणी, गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक भी अपनी फसलों का बीमा करा सकते है। जिन किसानों ने खरीफ 2024 के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक, सहकारी बैंक, सहकारी समितियों से 31 जुलाई 2024  तक  फसली  ऋण  लिया है वे किसान संबंधित संस्था से अपनी फसलों का बीमा करवा सकते है। गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक भी नजदीकी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, ई मित्र या अन्य बैंक, डाकघर के माध्यम से अपने खाते से प्रीमियम राशि कटवाकर फसलों का बीमा करवा सकते है। वहीं बटाईदार कृषकों को मूल खातेदार से इस विषय मे शपथ पत्र ,मूल निवास, खातेदार व बटाईदार दोनो के आधार कार्ड, घोषणा पत्र आदि लेना होगा। गैर ऋणी कृषक आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमाबंदी की नकल व घोषणा पत्र संलग्न कर बैंक या नजदीकी ई-मित्र कियोस्क पर जाकर फ़सलों का बीमा करवा सकते है।

इस आधार पर मिलता है क्लेम

संयुक्त निदेशक ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत  बीमित फसलों की उपज यदि गारंटी उपज से कम होती है तो राज्य सरकार द्वारा आयोजित फसल कटाई प्रयोग व उपज के प्राप्त आंकड़ो के आधार पर बीमित फसलों का क्लेम संबंधित किसानों को नियमानुसार बीमा कम्पनी द्वारा दिया जाता है। फसल बीमा योजना में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से बुवाई नही होना, खड़ी फसल (बुवाई से कतई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी से होने उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकडो के आधार पर एवं फसल कटाई उपरांत सूखने के लिए खेत मे काटकर फैलाकर छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान कटाई के बाद 14 दिन तक होने वाले नुकसान का क्लेम व्यक्तिगत आधार पर देय है।

इन नंबर दर्ज करा सकते है नुकसान की शिकायत

संयुक्त निदेशक ने बताया कि किसान बीमित फसलों में नुकसान होने पर 72 घण्टे में कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18004196116 पर शिकायत दर्ज करा सकते है। बीमित फसलों में प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर किसान फसल बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कम्पनी इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर नम्बर 18004196116 पर फसल खराब होने के 72 घण्टों में तथा पूर्ण सूचना के अभाव में 72 घंटे में टोल फ्री नंबर पर सूचना कर सात दिवस में लिखित में संबंधित बैंक व कृषि विभाग द्वारा इंश्योरेंस कंपनी को सूचित कर सकते है। बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना अंतिम दिनाक से दो दिवस पूर्व अर्थात 29 जुलाई तक वित्तीय संस्थान को देनी होगी। किसान फसल संबंधी खराबे की समस्याओं के लिए फसल रक्षक नंबर 14447 पर कॉल कर सकते है तथा अधिक जानकारी के लिए विभागीय वेबसाइट या नजदीकी कृषि कार्यालय के कृषि पर्यवेक्षक व सहकाय कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते है।