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प्रथम श्रावणी सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर की मंदिर परिक्रमा में निकली सवारी

उदयपुर 22 जुलाई 2019। सावन मास के प्रथम सोमवार के अवसर पर रानी रोड़ स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में भगवान महाकालेश्वर को रजत पालकी में विराजमान कर मंदिर परिक्रमा क्षेत्र में भ्रमण करवाया।

 

उदयपुर 22 जुलाई 2019। सावन मास के प्रथम सोमवार के अवसर पर रानी रोड़ स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में भगवान महाकालेश्वर को रजत पालकी में विराजमान कर मंदिर परिक्रमा क्षेत्र में भ्रमण करवाया।

प्रन्यास सचिव एडवोकेट चंद्रशेखर दाधीच के बताया कि भगवान भोलेनाथ का प्रातः 10ः30 बजे लघुरूद्र पाठ व सहस्त्रधारा अभिषेक किया गया। बाद में भगवान महाकालेश्वर को भव्य श्रृंगार धराकर आरती उतारी गई। अभिजित मुर्हुत में दिन में 12.15 बजे शाही लवाजमे के साथ रजत पालकी में भगवान श्री महाकालेश्वर को विराजमान कर मंदिर परिक्रमा में भ्रमण करवाया। परिक्रमा के दौरान हजारों श्रृद्धालुओं के द्वारा जय महादेव के उद्घोष के साथ रजत पालकी के आगे महिलाएं शिवभजनों पर नृत्य करती हुई चली। इसके पश्चात् महाआरती की गई एवं भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया।

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आज नाग पंचमी के अवसर पर नागपाश की आकृति के साथ पार्थेश्वर पूजन

श्रावण महोत्सव समिति के संयोजक पं. महेश दवे ने बताया कि आज महादेव नागपाश आकृति पर बिराजित हुए। नागयोग सामान्यतः मानव जीवन में कई विघ्न एवं समस्या को उत्पन्न कर जीव जीवन को समस्या प्रद बना देता है। नाग दोष सामान्यतः कालसर्प दोष के नाम से जाना जाता है काल सर्प मुख्यतः राहु ग्रह के द्वारा हेाता है ओर इस दोष से मानव जीवन उसके विकास की गति अवरोध उत्पन्न कर देता है। इस दोष के होने से पितृदोष, विवाह मे बाधा उत्पन्न होना उन्नति में बाधा उत्पन्न होना, मानसिक अशान्ति और आत्म विश्वास को कमजोर करना अन्य कई बाधाओंको उत्पन्न करता है। आज महाकाल स्वयं काल स्वरूप् नागपाश पर बिराजित हो समस्त दोषों एवं ग्रहों को राहु से मुक्ति करा भक्तों को अभय एवं संकटों से मुक्ति प्रदान कर जीव जगत् को मंगलपथ्रा, उज्जवल पथ की ओर प्रसस्त करते है।

सभी भक्तजनों ने मेवाड़ में अच्छी बरसात के लिए भगवान महाकाल से विशेष आराधना करते हुए प्रार्थना की। इस मौके पर महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील भट्ट, विनोद शर्मा, महिपाल शर्मा, गोपाल लोहार, पुरूषोत्तम जीनगर, कमल जीनगर, शंकर कुमावत, सुरेन्द्र मेहता, प्रेमलता लोहार आदि उपस्थित रहे।