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दक्षिण राजस्थान में पहली बार गीतांजली ह्रदय रोग विभाग में पेसमेकर को सफलतापूर्वक लेफ्ट सेप्टल पेसिंग से डाला गया
 

 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर में कोरोना के सभी नियमों का पालन करते हुए सुचारू रूप से रोगियों का इलाज किया जा रहा है। गीतांजली कार्डियक सेंटर में सराड़ा निवासी 61 वर्षीय रोगी का लेफ्ट सेप्टल पेसिंग द्वारा सफल इलाज किया गया। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रमेश पटेल, डॉ. कपिल भार्गव, डॉ. डैनी मंगलानी, डॉ. शलभ अग्रवाल द्वारा दक्षिण संभाग में पहली बार लेफ्ट सेप्टल पेसिंग के माध्यम से रोगी के सफलतापूर्वक पेसमेकर प्रत्यारोपित किया गया। 

क्या था मसला

रोगी के दिल की पम्पिंग कमजोर होने के कारण उसे बार-बार अस्पताल में भर्ती किया जा रहा था। रोगी के शरीर में कमज़ोरी के साथ बहुत सूजन आ गयी थी और सांस लेने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। जिस कारण वह अपने नियमित कार्य करने में असक्षम था, रोगी के हृदय की पम्पिंग क्षमता मात्र 15% रह गई थी। सामान्तया ह्रदय की धड़कन 50% से 75% तक होना आवयशक है। 

डॉ. रमेश पटेल ने बताया कि ऐसी स्थिति में ज्यादातर रोगियों का सी.आर.टी या हार्ट ट्रांसप्लांट किया जाता है जिसका प्रायः शुल्क अधिक रहता है। परन्तु जो रोगी इतना खर्च वहन नही कर सकते उनके लिए लेफ्ट सेप्टल पेसिंग के माध्यम से पेसमेकर का विकल्प होना एक उपलब्धि है। उन्होंने ये भी बताया कि इस रोगी को लेफ्ट सेप्टल पेसिंग के माध्यम से एक नए प्रकार का पेसमेकर लगाया जिससे दिल में भी सुधार आया और समस्या भी पूर्णता हल हो गई है। इस तरह से 2 तार के पेसमेकर से ही 3 तार के पेसमेकर की सुविधा रोगी को मिल जाती है। रोगी अभी स्वस्थ है तथा हॉस्पिटल छुट्टी दे दी गयी है। 

क्या होती है लेफ्ट सेप्टल पेसिंग?

लेफ्ट सेप्टल पेसिंग एक प्रकार का सुरक्षित पेसमेकर ही है जिसमे रोगी के ह्रदय की धड़कन डॉक्टर द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसका खर्च भी सामान्य पेसमेकर जितना ही होता है, इस प्रकार से यह बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें गीतांजली ह्रदय रोग विभाग के सभी डॉक्टर्स व स्टाफ रोगियों के इलाज हेतु सदेव समर्पित हैं। गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर पिछले सतत् 13 वर्षों से एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सेवाएँ देता आया है व आगे भी देता रहेगा।