एकलिंगगढ़ सैन्य स्टेशन उदयपुर का स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह
डेजर्ट कोर द्वारा 550 किलोमीटर मेवाड़ ट्रेल फुट अभियान का आगाज
इस अभियान के द्वारा मेवाड़ क्षेत्र के सभी वीर सैनिकों की वीरता, बलिदान और त्याग भावना को याद किया
एकलिंगगढ़ सैन्य स्टेशन उदयपुर के स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के अन्तर्गत मेवाड़ ट्रेल को अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ दक्षिणी कमान लेफ्टिनेंट जनरल जे.एस.नैन ने लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ झंडी दिखाकर रवाना किया। मेवाड़ ट्रेल एक पैदल आधारित अभियान है जिसे ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट की 9वीं बटालियन द्वारा चलाया जा रहा जो मेवाड़ की तत्कालीन रियासत में अपनी उपस्थिति दिखाता है। यह बटालियन के लिए एक गौरव की बात है कि स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर बटालियन उदयपुर मे मौजूद है। इस फ्लैग ऑफ सेरेमनी में लेफ्टिनेंट जनरल पी एस मिन्हास, जनरल आफिसर कमांडिंग, कोणार्क कोर, मेजर जनरल ए. एस. गहलोत, सेना मेडल, जनरल आफिसर कमांडिंग, बैटल एक्स डिविजन, एवं नागरिकों और सैनिकों ने भाग लिया।
इस दौरान बताया गया कि इस अभियान के द्वारा मेवाड़ क्षेत्र के सभी वीर सैनिकों की वीरता, बलिदान और त्याग भावना को याद किया जायेगा। इस अभियान में 2 महिला अधिकारियों सहित कुल 70 सैनिक भाग ले रहे हैं। इन सैनिकों द्वारा उन स्थानों से होते हुए 550 कि. मी. की दूरी तय की जाएगी जहां पर ऐतिहासिक लड़ाईयां लड़ी गई थी, जैसे हल्दी घाटी, चितौड़गढ, कुंभलगढ़, एवं दिवेर। पीढि़यों से भारतीय सेना के साथ अपने जुड़ाव को संजोते हुए, अरविंद सिंह जी मेवाड़ परिवार ने भारतीय सेना द्वारा लोगों से जुड़ने एवं उन्हें इस धरती के स्वर्णिम इतिहास की याद दिलाने के लिए एक महान कदम के रूप में मार्ग प्रशस्त किया।
यह कोई सामान्य अभियान नहीं है क्योंकि यह अभियान दल अपने पूरे युद्ध साजो-सामान के साथ आगे बढ़ेगी और कॉस कंट्री की यात्रा करेगी जिससे यह अपने आप में एक सैन्य अभ्यास बन जाएगा। रास्ते में सैनिक स्थानिय लोगों के साथ बातचीत करेंगे और जो विशेष रूप से 1971 के भारत-पाक युद्ध के दिग्गजों और वीर नारियों को सम्मानित करेंगे। इस अभियान के सदय युवाओं में देशभक्ती की भावना को प्रज्वलित करने के लिए विद्यालय एवं महाविद्यालय के छात्रों से मिलेंगे। यह अभियान भारतीय सेना की डेजर्ट कोर और बैटल एक्स डिविजन के द्वारा चलाया जा रहा है, जिसके द्वारा 1971 भारत-पाक युद्ध में वीरतापूर्वक लोंगे वाला में लड़ी गई थी।