विट्ठलनाथ मंदिर में हुई गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव
शहर के कोल-पोल स्थित पुष्टि 300 वर्ष प्राचीन वल्लभ सम्प्रदाय विट्ठलनाथ मंदिर में आज अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। तिथि के एक साथ होने के कारण महोत्सव को लाभ पंचमी के बजाय आज छठ को मनाया गया।
शहर के कोल-पोल स्थित पुष्टि 300 वर्ष प्राचीन वल्लभ सम्प्रदाय विट्ठलनाथ मंदिर में आज अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। तिथि के एक साथ होने के कारण महोत्सव को लाभ पंचमी के बजाय आज छठ को मनाया गया।
सेवा समिति के गिरिराज औदिच्य ने बताया कि पिछले कई वर्षों से प्रत्येक वर्ष दीपावली के एक दिन बाद एकम से लेकर नवमीं तक यह पूजा की जाती है। मंदिर चौक में भी आज गोस्वामी 108 वागधीश कुमार जी पीठाधीश, नाथदवारा ने गोवर्धन पूजन किया। बाद में अन्य भक्तों और महिलाओं ने भी पूजा की। शाम को अन्नकूट दर्शन भी हुए, जिसमे भारी संख्या ने पहुँच कर लाभ लिया।
गोवर्धन पर्व को मनाने और पूजा को लेकर यह माना जाता है कि प्राचीन कल के दौरान भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव के कोप (अत्यधिक तेज वर्षा) से पशुओं और लोगों को बचाने के उद्देश्य से गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था, जिससे इंद्रदेव ने बाद कृष्णा भगवान के पाँव छुए थे।
चन्देसरा गांव में अन्नकूट महोत्सव
आज चन्देसरा गांव में पचंमी के दिन अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें भगवान द्वारिकाधिष को छप्पन भोग लगवाये गये। तत्पश्चात गांव में सभी को वितरित किया गया चन्देसरा गांव में उदयपुर जिले के नागदा ब्राहम्ण समाज के कई लोगों ने भाग लिया एवं साथ ही ग्रामवासी श्याम सुन्दर पुत्र पुरषोत्तम लाल नागदा ने बताया कि अगले तीन वर्षों कि बुकिंग कि जा चुकि है।