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कटारिया के बिगड़े बोल पर उपजा विवाद थमने का नहीं ले रहा नाम

गुलाबचंद कटारिया द्वारा महाराणा प्रताप पर की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में जनाक्रोश एवं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा - मेवाड़ का प्रदर्शन

 

कहीं शव यात्रा निकाली कहीं पुतला दहन हुआ तो कही पुतले की दी गई फांसी 

उदयपुर 14 अप्रैल 2021। दो दिन पूर्व ही राजस्थान विधानसभा के उपचुनाव के दौरान राजसमंद में आयोजित सभा में अपने भाषण में राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा सर्वसमाज के प्रेरणास्त्रोत वीर  शिरोमिणी महाराणा प्रताप की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से अभद्र एवं अशोभनीय टिप्पणी का शब्दों का प्रयोग किया गया। जिसको लेकर सम्पूर्ण मेवाड़ में आक्रोश भड़क उठा और सभी जगह राजपूत समाज, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, करणी सेना, कांग्रेस और जनता सेना के कार्यकर्ताओ ने कटारिया का विरोध कर रहे है।  

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा  मेवाड़ के जिलाध्यक्ष यादवेंद्र सिंह रलावता ने बताया चुनावी सभा में स्वतंत्रता के पुजारी, जननायक महाराणा प्रताप का उदाहरण देते हुए प्रातः स्मरणीय को रोता फिरा, पागल कुत्ते ने काटा जैसी ओछी शब्दावली का इस्तेमाल किया गया। स्वयं मेवाड़ के जनप्रतिनिधि का यह दुस्साहस, पूरे मेवाड़ संभाग ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में राजपूत समाज और आमजन की भावनाओं को गहरी ठेस पहुचायी है। एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि द्वारा इस प्रकार की अशोभनीय भाषा का प्रयोग उनके मानसिक दिवालियापन को उजागर करता है जो असहनीय वह माफी योग्य नहीं है। इस घटना से पूरा मेवाड़ आक्रोशित है। 

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा - मेवाड़ एवं सर्वसमाज ने कलेक्ट्रेट चौराहे पर गुलाबचंद कटारिया के पुतले के साथ आक्रोशित प्रदर्शन किया और "भामाशाह का त्याग - गुलाबचंद करेंगे सत्यानाश", "कटारिया मुर्दाबाद", "कटारिया इस्तीफा दो" नारे लगाए । ततपश्चात जुलुस रूप में देहलीगेट में सैकड़ों की संख्या में शवयात्रा निकाली और जिला मुख्यालय के सामने पुतला दहन किया ।

महामंत्री हेमेंद्र सिंह दवाना ने कहा कटारिया के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही तुरंत करी जाए। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को दी गई सजा भविष्य में किसी भी व्यक्ति द्वारा वीर महापुरुष पर अन्य किसी को तुच्छ भाषा व टीका टिप्पणी का दुस्साहस करने का प्रयास ना करे । महाराणा प्रताप को अपमानित करने वाले इस व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए । ऐसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधि द्वारा जानबूझकर की गई गलती के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाए । मेवाड़ के जनप्रतिनिधि द्वारा ही महाराणा प्रताप का अपमान करने के लिए विधायक पद से इस्तीफा  लिया जाए और भविष्य में अपनी भाषाशैली पर नियंत्रण के लिए पाबंद किया जाए जिससे भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो। 

इसी प्रकार कल चेतक सर्कल पर आक्रोशित कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने महाराणा प्रताप के जयकारो के साथ कटारिया का पुतला फूंका। जबकि आज जनता सेना ने भाजपा कार्यालय के बाहर कटारिया के पुतले को फांसी पर लटकाया।