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प्रातः च्यवनप्राश व रात्रि में दूध से बढ़ाए बच्चों की इम्युनिटी: वैद्य औदीच्य

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी वैद्य शोभा लाल औदीच्य ने बताया कि बच्चों को प्रातः सूर्योदय से 1 घंटा पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए

 

भोजन में फास्ट फूड, जंक फूड आदि को कभी नहीं लेकर केवल शुद्ध एवं पौष्टिक आहार जैसे मूंग, चना, मूंगफली, सोयाबीन, सामा, उपमा, सूजी आदि के साथ सीजनेबल फलों का सेवन करना चाहिए। 

उदयपुर, 5 जून 2021। वैश्विक महामारी कोविड-19 की तृतीय लहर के मद्देनजर बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में आचार्यो द्वारा बताए गए आहार-विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या रात्रिचर्या के पालन के साथ आचार रसायन का वर्णन किया गया है।

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी वैद्य शोभा लाल औदीच्य ने बताया कि बच्चों को प्रातः सूर्योदय से 1 घंटा पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए, साथ ही शौचादि से निवृत्त होकर योग एवं प्राणायाम के माध्यम से दिन की शुरुआत करनी चाहिए। प्रातः च्यवनप्राश का सेवन लाभकारी है। दो तुलसी पत्र, एक इलाइची एवं एक काली मिर्च आदि का उपयोग कर हर्बल टी बना कर बच्चों को सेवन कराना चाहिए। भोजन में फास्ट फूड, जंक फूड आदि को कभी नहीं लेकर केवल शुद्ध एवं पौष्टिक आहार जैसे मूंग, चना, मूंगफली, सोयाबीन, सामा, उपमा, सूजी आदि के साथ सीजनेबल फलों का सेवन करना चाहिए। 

उन्होंने बताया की दोपहर का भोजन 1 बजे से पूर्व लेना चाहिए और सायं का भोजन सूर्यास्त से पहले या सूर्यास्त के 1 घंटे के भीतर ले लेना चाहिए रात्रि को सोने से पहले दूध का सेवन करना चाहिए। अत्यधिक खट्टे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। कम से कम 8 घंटे सोना चाहिए। जल्दी उठने एवं जल्दी सोने की आदत को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिये। स्नान करने से पहले किसी भी तेल से शरीर की अच्छे से मालिश करनी चाहिए। प्रतिदिन नस्य विधि में नारियल तेल, तिल का तेल, शुद्ध देसी गाय का घी आदि में से कोई भी 1-1 बूंद नाक में डालना चाहिये।