{"vars":{"id": "74416:2859"}}

इंडोनेशिया बाली में “साधक सोपान” ग्रंथ का अंतरराष्ट्रीय विमोचन

मेवाड़ राजवंश के प्रो. अजात शत्रु सिंह शिवरती ने किया भारत का प्रतिनिधित्व

 

उदयपुर 23 अक्टूबर 2025। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित मेवाड़ राजपारिवार के सदस्य संत तुल्य दिव्यपुरुष स्वर्गीय महाराज शत्रु दमन सिंह शिवरती ने आपने पूर्वजो संत शिरोमणि मीरा बाई और लोकसन्त बावजी चतुर सिंह जी कि आध्यात्मिक यात्रा से प्रेरणा लेकर 20 वर्षो के श्रमसाध्य से हस्तलिखित पुस्तक "साधक सोपान (श्रीमद भगवद गीता की टिका) का विमोचन हुआ। 

पुस्तक का विमोचन अंतराष्ट्रीय मंच पर सुग्रीवा हिन्दू विश्वविद्यालय, डेनपसार,बाली के कुलपति डॉ डी. आर. एस. आई. गुस्ती नागुरा, रासा आचार्य (कुलपति,डॉ आई मेड, धर्मयसा ) प्रो मुरली मनोहर पाठक (कुलपति, एल. बी. एस. एन. एस. यू.) एवं महासचिव वैश्विक संस्कृत मञ्च के  प्रो. मुरलीधर मनोहर पाठक (कुलपति), प्रो श्रीप्रकाश सिंह (कुलपति), डॉ शशांक ए (कौंसिल जनरल ऑफ़ इंडिया) डॉ वयान मिडिओ (लेफ्टिनेंट गढ़नेराल, इंडोनेशिया), प्रो राजेश मिश्रा (सचिव, ग्लोबल संस्कृत फोरम) व अन्य गणमान्य वेद-उपनिषद-भगवद गीता व संस्कृत के ज्ञाता आचार्यजनों की उपस्थिति में हुआ। 

मेवाड़ से एकमात्र प्रतिनिधित्व करने वाले मेवाड़ राजवंश, शिवरती घराने के प्रो. अजात शत्रु सिंह शिवरती ने अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी विषय "समकालीन चुनौतीयों का समाधान करने में वैदिक धर्म और भारतीय ज्ञान कि प्रसंगिकता" पर अपने उद्बोधन में बताया की प्राचीन काल में मेवाड़ और बाली जैसी सभ्यताओं के बीच सांस्कृतिक और वैचारिक आदान-प्रदान के प्रमाण मिलते हैं। 

उन्होने बताया कि वैदिक ज्ञान, योग और सनातन धर्म की विचारधारा ने न केवल भारत में बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया तक भी गहरा प्रभाव डाला। बाली की प्राचीन परंपराएँ, जहाँ हिन्दू धर्म, अध्यात्म और सामूहिक जीवन के मूल्य दिखते हैं, वे भारत की सनातन धर्म संस्कृत और संस्कृति से गहराई से जुड़ी हैं। यह समानता दर्शाती है कि भारत का सांस्कृतिक प्रभाव केवल अपने उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इंडोनेशिया जैसे द्वीपीय राष्ट्रों तक भी अपने वैचारिक और दार्शनिक मूल्यों का प्रकाश फैलाता रहा।

इस अवसर पर इंडोनेशिया-भारत के कई संस्कृत के शिक्षाविद, शोधार्थी, पत्रकार उपस्थित थे। अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।