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नगर भ्रमण पर निकले पालकी मे विराजमान कामधेनु शांति नाथ भगवान

श्रद्धालुओं ने भगवान पर महाशांति धारा कर सर्व देश की शांति के लिए प्रार्थना की

 

उदयपुर। सुप्रकाश ज्योति मंच की ओर से ध्यानोदय तीर्थ क्षेत्र बलीचा पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन पालकी मे शांतिनाथ भगवान को विराजमान कर क्षीर सागर से जल भर कर कलस लायें। इससे पूर्व मंगल कलश ले कर महिलाये चल रही थी। इस दौरान प्रभु ने नगर भ्रमण किया।

ध्यानोदय क्षेत्र के ट्रस्टी ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि श्रद्धालुओं ने भगवान पर महाशांति धारा कर सर्व देश की शांति के लिए प्रार्थना की। आज उस समय विशेष अतिशय हुआ जब शांति धारा के बाद मुलनायक पर भगवान के चरणों अपने आप ॐ अंकित नजर आया, जैसे पंच परमेष्ठी नमन कर रहे हो। उस समय जयकारों से मंदिर गुंजायमान हो गया।

इस अवसर पर मूलनायक भगवान पर 5 किलोग्राम चांदी का छत्र चढ़ाया गया और मंगल आरती की गई। गुरु माँ सुप्रकाशमति माताजी ने वर्चुअल प्रवचन में कहा कि प्रतिमा में ॐ का अंकन अपने आप मे यह सिद्ध करता है की अतिशय भक्ति का होता है और देव प्रभु भक्ति में अतिशय करते है। आज उत्तम ब्राह्मश्चर्य धर्म है इसका अर्थ केवल कामवासना को त्यागना ही नहीं आचरण मे भी शुद्धता होना आवश्यक है और आज प्रभु के प्रतिमा पर पच परमेष्ठी के चिन्ह ॐ का आना इस तीर्थ को अतिशयकारी तीर्थ बनाता है। बादामी लाल छीत्तोरा ने बताया कि सोमवार को पूर्णिमा विशेष 108 सर्व ओशोधी कलश का अभिषेक होगा।