काव्य लहर के मंच पर नवोदित कवियों ने दिया झील संरक्षण का संदेश
सिरोही की सुदेशना देवल और उदयपुर की डॉक्टर प्रियंका भट्ट रही विजेता
उदयपुर। शहर की धड़कन कही जाने वाली झीलों के संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से कला मंच और गणगौर वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को गणगौर घाट पर "काव्य लहर" कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सुहानी सर्दी में देर शाम तक जमी "हमारी झीलें" विषय पर आयोजित कविता प्रतियोगिता में राजस्थान के विभिन्न जिलों से नवोदित कवियों ने भाग लिया।
कला मंच के निदेशक अभिषेक जोशी ने बताया कि दो आयु वर्ग में संपन्न हुई । इस प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे, जिनमें मध्य प्रदेश, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, सागवाड़ा, डूंगरपुर के साथ उदयपुर से भी कुल 106 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी। प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठ 20 का चयन किया गया, जिन्होंने काव्य लहर के मंच पर कविता पाठ किया। किसी ने उदयपुर को एक दुल्हन और झीलों को इसका श्रृंगार मानते हुए कविता पाठ किया तो किसी ने झीलों को मेवाड़ का सम्मान बताया, किसी ने झीलों को नारी के रूप में मानते हुए व्याख्या की, तो किसी ने इसे अकेलेपन का साथी बताया।
गणगौर वेलफेयर सोसाइटी के सचिव गोपाल नागर ने बताया कि 15 से 25 आयु वर्ग में सिरोही की सुदेशना देवल ने प्रथम, उदयपुर से उदिता द्विवेदी ने द्वितीय और चित्तौड़गढ़ से यशस्वी शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं सीनियर आयु वर्ग में उदयपुर की डॉ प्रियंका भट्ट ने प्रथम, झाड़ोल से कुलदीप वर्मा ने द्वितीय और सागवाड़ा से ध्वनि आमेटा ने तृतीय स्थान प्राप्त करते हुए जीत की ट्रॉफी अपने नाम की। दोनों ही आयु वर्ग में क्रमशः 5100, 2100 और 1100 रुपए प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के रूप में दिए गए। कार्यक्रम की शुरुआत में एक्स फैक्टर फेम शाहनवाज खान ने देशभक्ति गीतों से समां बांध दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गिर्वा प्रधान एवं पूर्व एमएलए उदयपुर ग्रामीण सज्जन कटारा, विशिष्ट अतिथि नगर निगम उपमहापौर पारस सिंघवी और डिप्टी एसपी हनुमंत सिंह भाटी के अतिथि के रूप में निवर्तमान कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर उग्रसेन राव, मनु राव, सहवृत पार्षद अजय पोरवाल मौजूद रहे। निर्णायक की भूमिका राष्ट्रीय कवि अजातशत्रु, साहित्यकार किशन दाधीच और लोकेश जैन ने निभाई। मंच का संचालन 13 वर्षीय हिरण्या जोशी, द्युति दीक्षित और सौम्या जोशी ने किया।
झील संरक्षण का संदेश देने के लिए आयोजित की गई इस कविता प्रतियोगिता में मेवाड़ के हक का पानी मेवाड़ मिले अभियान के प्रणेता किंग सेना, भव्य भारत वेलफेयर फाउंडेशन, प्रेरणा परिवार, परमार्थ मेमोरियल ट्रस्ट और समाजसेवी राकेश सुहालका का विशेष सहयोग रहा।