नवरात्रि की अष्टमी पर 1001 दीपों की हुई महा आरती
देश विदेश से भी पहुंचे भक्त
उदयपुर 11 अक्टूबर 2024 । जिले के वल्लभनगर क्षेत्र के अमरपुरा खालसा गांव में खेड़ा खूंट माताजी मंदिर में 1001 दीपकों की महाआरती हुई, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। एक भक्त के शरीर पर एक साथ 1001 दीयों को एक सांचेनुमा वेश में रखकर करीब 21 मिनट तक महाआरती की जाती है । पिछले कई सालों से यह परंपरा गांव में चली आ रही है ।
दरअसल,अमरपुरा गांव के रहने वाले भंवर लाल प्रजापत पहले गुजरात में काम करते थे। इसी दौरान उन्होंने एक मंदिर में एक साथ हजारों दीयों की आरती की परंपरा देखी। इसके बाद उन्होंने भी अपने गांव में उस वेश को लाकर खेड़ाखूंट माताजी मंदिर में यह परंपरा शुरू की। आरती के दर्शन करने के लिए देशभर में अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले स्थानीय ग्रामीणों के साथ आसपास के गांवों के लोग भी इस मौके पर गांव लौटते हैं।
माता जी के दर्शन के साथ ही अष्टमी के मौके पर होने वाली इस महाआरती का विशेष महत्व माना जाता है। अमरपुरा में नवमी के दिन ज्वारा विसर्जन होता है और माताजी नेजा नचाती है। शुक्रवार को नवमी के मौके पर मंदिर से सरवर जाते समय नेजा नचाने का कार्यक्रम भी होता है । जिस में भी बड़ी तादाद में ग्रामीण भाग लेते हैं।
मंदिर के पुजारी गोपाल जनवा ने बताया कि अष्टमी के मौके पर भजन संध्या का भी आयोजन होता है और परसाद वितरण किया जाता है। मेवाड़ में अपने आप में एक साथ 1001 दीपों की महाआरती वाला विशेष मंदिर है,जहां इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है।
खेड़ा खूंट माता के सेवक ऊंकार लाल जाट ने बताया की आज के दिन मुंबई महाराष्ट्र पुणे गुजरात सहित देश विदेश में रहने वाले भी भक्त आज के दिन माता के मंदिर के प्रांगण में पहुंचते है और माता के दर्शन करने के साथी मंदिर परिसर में होने वाली 1001 द्वीपों की महा आरती में शामिल होते हैं ।