स्कूल यूनिफाॅर्म बदलने के प्रस्तावित निर्णय के विरोध में दिया ज्ञापन
उदयपुर। राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के छात्रों का युनिफॉर्म बदलने के प्रस्तावित निर्णय के विरोध में आज होलसेल वस्त्र एवं रेडिमेड व्यापार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
संरक्षक मदनलाल सिंघटवाड़िया एवं दामोदर छाबड़ा ने बताया कि स्कूल युनिफॉर्म संबंधी एवं रेडीमेड यूनिफॉर्म का व्यापार करने वाले समस्त व्यापारीयो में रोष व्याप्त हो गया है। उक्त प्रस्तावित निर्णय स्कूल युनिफॉर्ग से संबंधित व्यापार करने वाले समस्त व्यापारीगणों के लिये आर्थिक रूप से बहुत ही घातक कदम सिद्ध होने वाला है।
इस सम्बंध में वस्तुस्थिति यह है कि पिछली सरकार द्वारा 3 वर्ष पूर्व ही स्कूल युनिफॉर्म बदली गई थी। तब पुनः वर्तमान सरकार इतनी जल्दी युनिफॉर्म बदलने का निर्णय समझ से परे है। चालू शैक्षणिक सत्र के लिये कपड़ा निर्माता मिलों द्वारा कपड़ा माह फरवरी से ही तैयार कर लिया जाता है एवं स्कूल युनिफॉर्म से सबंधित व्यापार करने वाले थोक एवं खुदरा व्यापारियों द्वारा कपड़ा एवं रेडीमेड युनिफॉर्म का स्टॉक अपनी विकय क्षमतानुसार क्रय कर लिया गया है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष स्कुल खुल ही नहीं पायें। इस कारण समस्त होलसेल एवं रिटेल व्यवसायी एवं रेडिमेड स्कूल युनिफॉर्म व्यवसायियो से संबधित व्यापारियों के पास चालू शैक्षणिक सत्र में बिकी योग्य पूरा स्टॉक पड़ा हुआ है। जिसकी सारी पूंजी ब्लॉक हो गई है। यदि स्कूल खुल जाये तो भी सभी व्यापारियों का पूरा स्टॉक इस वर्ष में तो बिकना संभव नहीं है। आगामी सत्र तक भी चलेगा। वैसे भी कोरोना काल में सारे व्यापार ठप होने के कारण व्यापारीगण आर्थिक परेशानी से पीड़ित है। उनके समस्त खर्चे, पूंजी का व्याज, किराया, स्टॉफ का वेतन एवं बिजली खर्च सभी चालू है। ऐसी स्थिती में राज्य सरकार द्वारा बीच सत्र में स्कूल युनिफॉर्म बदलने का निर्णय कोढ़ में खाज का कार्य करेगा।
इसी प्रकार उक्त निर्णय से स्कूली छात्रों के अभिभावकों पर भी नई स्कूली यूनिफार्म क्रय करने के कारण इस कोरोना काल में आर्थिक तंगी के बीच अनावश्यक आर्थिक भार पड़ेगा। राज्य सरकार का यह निर्णय कपड़ा निर्माता व कपड़ा व्यवसायियों, रेडीमेड स्कूल युनिफार्म, व्यवसायियों व आभिभावकों के लिये बहुत ही नुकसानदेह साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि व्यापारियों द्वारा अभी तक क्रय किये गये स्टॉक पर जीएसटी चुका दिया गया है। जो माल ब्लॉक होने से नहीं बिकेगा, तो जीएसटी इनपुट कैसे प्राप्त कर सकेगा, इस तरह व्यापारी का स्टॉक व पूंजी भी क्लाॅक हो गई है। संस्थान ने राज्य सरकार से मांग की कि अपने प्रस्तावित निर्णय पर पुनः विचार कर व्यापारजगत एवं आमिभावकों को राहत प्रदान करे । इस अवसर पर अनेक व्यापारीगण मौजूद थे।