डॉ राहत इंदौरी के अशआर से गुलज़ार हुई मोतीमगरी
उदयपुर के मोती मगरी शनिवार की शाम महाराणा प्रताप स्मारक समिति की ओर से आयोजित अखिल भारतीय विराट काव्य संगम में उर्दू जुबां के देश के मशहूर और अपने ख़ास अंदाज़ में शेर पढ़ने वाले शायर डॉ राहत इंदौरी ने अशआरों से मोती मगरी को गुलज़ार कर दिया। डॉ राहत इंदौरी जैसे ही मंच पर आये मोती मगरी की सर्द शाम उनकी शायरी से महक उठी।
उदयपुर के मोती मगरी में शनिवार की शाम महाराणा प्रताप स्मारक समिति की ओर से आयोजित अखिल भारतीय विराट काव्य संगम में उर्दू जुबां के देश के मशहूर और अपने ख़ास अंदाज़ में शेर पढ़ने वाले शायर डॉ राहत इंदौरी ने अशआरों से मोती मगरी को गुलज़ार कर दिया। डॉ राहत इंदौरी जैसे ही मंच पर आये मोती मगरी की सर्द शाम उनकी शायरी से महक उठी।
डॉ राहत इंदौरी ने ऐसी सर्दी की सूरज दुहाई मांगे, जो परदेस में है किस से रज़ाई मांगे, अपने हाकिम की फकीरी पर तरस आता है जो गरीबों से उसके पसीने की कमाई मांगे सुनाकर जहा आज के हालात पर तंज़ किया वहीँ अपने चिर परिचित अंदाज़ में मुंसिफ की ज़िहानत पर हो क़ुर्बान कि जो क़त्ल भी हम हो और सफाई भी हम ही से मांगे पेश कर श्रोताओ का दिल जीत लिया।
इससे पूर्व महाराष्ट्र के कवि नईम फ़राज़ ने दिया था तुमने जो सौगात में आज़ार ज़िंदा है, चले आओ अयादत को अभी बीमार ज़िंदा है, दिलो के बीच दीवार उठाकर क्या हासिल, तुम्हारी नफरते हारी, हमारा प्यार ज़िंदा है, तो शायरा सबीना अदीब ने प्रताप महारणा हर दिल के महाराणा, नाम अपने वतन का वो गिरने नहीं देते थे, मैदान में दुश्मनो को वो टिकने नहीं देते थे सुनाकर खूब तालिया बटोरी।
मध्य प्रदेश के रतलाम के शायर सलाम खोखर ने हमारी प्रार्थनाओ में भक्ति भजन में अज़ानों में, महाराण तो ज़िंदा है वतन के नौजवानो में पेश किया। इसके अलावा मशहूर शायर जौहर कानपुरी, माधव दरक, अबरार काशिफ, डॉ कविता किरण, मुश्ताक़ हुसैन चंचल, इक़बाल हुसैन सागर ने अपने कलाम पेश कर श्रोताओ को अभिभूत किया।
कार्यक्रम में महाराणा प्रताप स्मारक समिति के प्रोफेसर एच आर त्यागी, भूपेंद्र सिंह आउवा, डॉ चंद्रशेखर शर्मा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक शर्मा सहित शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।