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सात वर्षो से एनएलसीपी योजना – जल की गुणवत्ता नहीं सुधरी

प्रदूषित झीलों में तेज गर्मी ने जलीय खरपतवारो में अत्यधिक बढ़ोतरी की है ए फलतः झीलों का पानी हरा हो चूका है। झील मित्र संस्थान ए झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में हुए श्रमदान व संवाद में झील प्रेमियों ने गन्दगी व बदबू से अटी पड़ी झीलों की दुर्दशा पर क्षोभ व्यक्त किया।

 

प्रदूषित झीलों में तेज गर्मी ने जलीय खरपतवारो में अत्यधिक बढ़ोतरी की है ए फलतः झीलों का पानी हरा हो चूका है। झील मित्र संस्थान ए झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सयुंक्त तत्वावधान में हुए श्रमदान व संवाद में झील प्रेमियों ने गन्दगी व बदबू से अटी पड़ी झीलों की दुर्दशा पर क्षोभ व्यक्त किया।

वर्षो से गोताखोरी कर रहे गोताखोर राजू हेला ने कि झीलों का पानी जहरीला हो गया है। इसमें अब गोता लगाने से डर लगता है। चमड़ी काली पड़ गयी है तथा बदबू से जी घबराता है।

झील मित्र संस्थान के तेज शंकर पालीवाल व रमेश सिंह ने कहा कि झीलों में भारी मात्रा में घरेलु कचरा एसड़े मांस के ठेलेएशराब की बोतलें एप्लास्टिक ए पोलिथिन डालने से किनारो पर खड़ा रहना मुश्किल हो गया है।

डॉ अनिल मेहता व नन्द किशोर शर्मा ने झीलों में तैरने वालो को फिर आगाह किया कि वे तैरते समय मूह में पानी ना ले। मेहता व शर्मा ने कहा कि लगभग सात वर्षो से एनएलसीपी योजना चल रही है। करोडो रूपया खर्च हो चूका है फिर भी जल की गुणवत्ता नहीं सुधरी है। यह जांच एवं प्रशासनिक आत्मनिरीक्षण का विषय है।

इस अवसर पर झील मित्र संस्थान ए झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान में रमेश चन्द्र राज पूत। अम्बालाल नकवाल, रमेश चन्द्र राजपूत, कुलदीपक पालीवाल, नितेश कुमावत, दीपेश सोनी अजय सोनी, कमलेश पुरोहित, राम लाल गेहलोत, लक्की सोनी छोटू हेला, प्रताप सिंह राठोड, गोपाल कुमावत, मोहन सिंह राज पूत, तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।