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अब को-ऑपरेटिव बैंको पर भी लागू होंगे रिज़र्व बैंक के निर्देश

8.6 करोड़ खाताधारकों को मिलेगा फायदा

 
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक 58 मल्टी-स्टेट को- ऑपरेटिव बैंकों को सहित सरकारी बैंकों को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की सुपर विजन के तहत लाया जा रहा है। इससे पीएमसी बैंक जैसे घोटोलों को रोकने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। अब को- ऑपरेटिव बैंक भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की निगरानी में आएंगे। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक 58 मल्टी-स्टेट को- ऑपरेटिव बैंकों को सहित सरकारी बैंकों को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की सुपर विजन के तहत लाया जा रहा है। इससे पीएमसी बैंक जैसे घोटोलों को रोकने में मदद मिलेगी।

इन को- ऑपरेटिव बैंकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अंदर लाए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक का आदेश जिस तरह शेड्यूल कर्मशल बैंकों पर लागू होता है, वैसे ही अब को-ऑपरेटिव बैंक्स पर भी लागू होंगे।

8.6 करोड़ खाताधारकों को मिलेगा फायदा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सरकार के फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि भारत में को-ऑपरेटिव बैंक का बहुत बड़ा दायरा है। 8.6 करोड़ जमाकर्ताओं का तकरीबन पांच लाख करोड़ रुपये जमा वाले 1540 को-ऑपरेटिव बैंक हैं। इन बैंकों को आरबीआई के सुपरविजन में लाने से इन खाताधारकों को फायदा मिलेगा और इनका विश्वास भी बढ़ेगा कि बैकों में जमा इनके रुपये सुरक्षित हैं।

वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में संशोधन कर को- ऑपरेटिव बैंकों में व्यावसायिकता बढ़ाने और को- ऑपरेटिव गवर्नेंस में सुधार करने के लिए उनकी निगरानी का काम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सौंपा जाएगा।