महिला कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के आरोप में कार्यालय अधीक्षक को किया कार्यमुक्त
उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय में सहायक कार्यालय अधीक्षक दीपलाल पालीवाल को महिला कर्मचारी से यौन उत्पीड़न के आरोप में की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय ने कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया।
उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय में सहायक कार्यालय अधीक्षक दीपलाल पालीवाल को महिला कर्मचारी से यौन उत्पीड़न के आरोप में की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय ने कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया।
अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) के आदेश पर चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. विनय जोशी ने सहायक कार्यालय अधीक्षक दीपलाल पालीवाल को मंगलवार देर शाम कार्यमुक्त किया। इससे पहले भी उदयपुर प्रवास के दौरान तत्कालीन चिकित्सा मंत्री राजेंद्रसिंह राठौड़ के निर्देश पर पालीवाल को शिकायतों पर एपीओ किया गया था, लेकिन चार दिन के बाद ही रसूख के चलते पालीवाल ने फिर कार्यभार ग्रहण कर लिया था। पालीवाल पर फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने सहित कई अन्य आरोप भी लग चुके हैं। मामले में वल्लभनगर विधायक रणधीरसिंह भीण्डर ने विधानसभा के जरिए नियुक्ति संबंधित आवश्यक जानकारी भी चाही गई थी।
चिकित्सालय के अधीन सेवारत महिला सहकर्मी ने 29 जून 2017 को दीपलाल पालीवाल के खिलाफ धारा 9 महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के हवाले से परिवाद देकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को शिकायत दर्ज कराई थी। दीपलाल पालीवाल ने हस्ताक्षरशुदा प्रेम-पत्रनुमा माफीनामा लिखकर महिला सहकर्मी को बदनीयती से परेशान करने की कोशिश की है। इसके तुरंत बाद प्राचार्य डॉ. डीपी सिंह ने मामले की जांच पहले चिकित्सालय उपअधीक्षक डॉ. रमेश जोशी को दी। बाद में नियमों की जानकारी लेकर प्राचार्य ने मामले की जांच महाविद्यालय की महिला उत्पीडऩ समिति को सौंपी। जांच को आगे बढ़ाते हुए महिला उत्पीडऩ समिति ने आरोपित पालीवाल को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण सौंपने का निर्देश दिया था। हालांकि इस मामले में अब तक जांच प्रक्रिया अटकी हुई है। इस बीच, मामले को गंभीर मानते हुए निदेशालय ने उपयुक्त कार्रवाई की। इधर, महिला कर्मचारी की ओर से हाथीपोल थाने में भी मामला दर्ज कराया जा चुका है, जिसमें पुलिस का अनुसंधान जारी है।
Source: Rajasthan Patrika