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ऑनलाइन शिक्षण एवं नेट पर मिलने वाले बच्चो को असाइनमेंट्स से न हो स्ट्रेस 

इस बात का विद्यालय रखे ध्यान- डॉ. पण्ड्या
 

ऑनलाइन शिक्षण को लेकर शैक्षणिक संस्थानों के लिए आयोग जारी करेगा जल्द ही एडवाइजरी - डॉ. पण्ड्या

उदयपुर जिले के बाल सुरक्षा नेटवर्क द्वारा प्राप्त शिकायत पर कल जयपुर आयोग की बैठक में होगा मंथन

उदयपुर 17 मई 2020 l राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार की जानकारी में आया है कि कुछ शैक्षणिक संस्थान एवं विद्यालय लॉकडाउन के चलते अपने यहाँ अध्ययनरत विद्यार्थियों को ऑनलाइन असाइनमेंट्स एवं स्टडी मटेरियल उपलब्ध करवा रहे हैं परन्तु कुछ अभिभावकों ने इस संदर्भ में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है की नन्हें बच्चों को ऑनलाइन ज़्यादा समय बिताने से आखो पर स्ट्रेस एवं मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षण तो एक विकल्प हो सकता है परन्तु इसके चलते बच्चो पर ज्यादा दबाव या स्ट्रेस न आये इस बात का भी विद्यालय ध्यान रखे,  यह बाल अधिकारों का हनन है।   

किसी भी अभिभावक द्वारा किसी विद्यालय के संदर्भ में इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित विद्यालय के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। कोई भी अभिभावक इस संदर्भ में अपनी शिकायत आयोग की मेल आई.डी. अथवा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर इसकी सूचना दे सकते हैं।  

आयोग सदस्य द्वारा दिनांक 16 मई को उदयपुर सम्भाग में बच्चो के अधिकारों के संरक्षण हेतु कार्यरत बाल सुरक्षा नेटवर्क के सदस्यों के साथ वीडियो कोंफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई थी जिसमे पूर्व अध्यक्ष बाल कल्याण समिति डॉ. सुमन त्रिवेदी द्वारा इस मुद्दे को रखते हुए आयोग से आवश्यक कार्यवाही हेतु आग्रह किया गया था जिसके चलते आज राजस्थान बाल आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया की इस विषय पर सोमवार को जयपुर में आयोजित आयोग की बैठक में माननीय अध्यक्ष महोदया संगीता बेनीवाल, RTE प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. विजेन्द्र सिंह, आयोग के सदस्यगणों एवं विभागीय अधिकारियो से चर्चा कर पुरे प्रदेश में संचालित शैक्षणिक संस्थान एवं विद्यालयो के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी।