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गीतांजली कॉलेज ऑफ नर्सिंग में दो दिवसीय पैलिएटिव  केयर कार्यशाला का आयोजन

गीतांजली कॉलेज ऑफ नर्सिंग (उदयपुर), सिपला पैलिएटिव केयर एंड ट्रेनिंग सेंटर तथा एलनेक (ELNEC) के तत्वाधान में “एजुकेटिंग एंड मेंटरिंग नर्सेज पैलिएटिव केयर टू इंप्रूव क्वालिटी ऑफ लाइफ” कार्यशाला का आयोजन गीतांजली कॉलेज ऑफ नर्सिंग किया गया।
 
जीवन को सीमित करने वाले रोग (कैंसर, स्ट्रोक इत्यादि) से ग्रस्त लोगो को सर्वश्रेष्ठ संभव जीवन-शैली पाने में मदद करती है। यह रोग के दौरान किसी भी समय कि या जा सकती है, यह केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो अपने जीवन के अंतिम चरण के करीब हैं बल्कि आप पैलिएटिव केयर लेने के साथ-साथ उपचार कराना जारी रख सकते हैं।

गीतांजली कॉलेज ऑफ नर्सिंग (उदयपुर), सिपला पैलिएटिव केयर एंड ट्रेनिंग सेंटर तथा एलनेक (ELNEC) के तत्वाधान में “एजुकेटिंग एंड मेंटरिंग नर्सेज पैलिएटिव केयर टू इंप्रूव क्वालिटी ऑफ लाइफ” कार्यशाला का आयोजन गीतांजली कॉलेज ऑफ नर्सिंग किया गया। कार्यक्रम में जीएमसीएच नर्सिंग स्टाफ, जीसीएन नर्सिंग स्टूडेंट्स एवं जीसीएन टीचिंग फक्ल्टीज़ ने भाग लिया। 

कार्यक्रम की शुरुआत जीएमसीएच के सीईओ प्रतीम तंबोली, जीसीएन डीन एवं डायरेक्टर डॉ. जयलक्ष्मी, जीसीएसएन प्रिंसिपल डॉ. (प्रोफेसर) योगेश्वर पूरी गोस्वामी, अमेरिका से आयी वालंटियर प्रोफेसर हनीफेमैक गेमवेल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। 

क्या होती है पैलिएटिव केयर?

जीवन को सीमित करने वाले रोग (कैंसर, स्ट्रोक इत्यादि) से ग्रस्त लोगो को सर्वश्रेष्ठ संभव जीवन-शैली पाने में मदद करती है। यह रोग के दौरान किसी भी समय कि या जा सकती है, यह केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो अपने जीवन के अंतिम चरण के करीब हैं बल्कि आप पैलिएटिव केयर लेने के साथ-साथ उपचार कराना जारी रख सकते हैं।

दो दिवसीय कार्यशाला में पहले दिन प्रोफेसर हनीफेमैक गेमवेल (पिछले 15 वर्षो से सिपला पैलिएटिव  केयर एंड ट्रेनिंग सेंटर में वालंटियर प्रोफेसर के रूप में कार्यरत ) द्वारा पैलिएटिव केयर पर अपने विचार रखे गए, नर्सिंग ऑफिसर रामस्वरूप द्वारा पेन मैनेजमेंट, नर्सिंग ऑफिसर अरविन्द लोस एंड ग्रीफ एवं प्रोफेसर ममता द्वारा सिमटम मैनेजमेंट पर प्रकाश डाला गया। 

कार्यशाला के दूसरे दिन भी पैलिएटिव केयर को लेकर कई तरह की चर्चा जारी रही। कार्यक्रम के अंत में जीएमसीएच के सीईओ प्रतीम तंबोली द्वारा स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट वितरित किये गए। 

ज्ञात रहे यह कार्यशाला पहली बार राजस्थान के प्राइवेट कॉलेज में आयोजित की गयी है।