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पेनिक्रियास की 15 सेंटीमीटर गांठ का दूरबीन द्वारा हुआ लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन

जांच से पता चला कि रोगी की गांठ 15 सेंटीमीटर की हो गयी थी और साथ ही रोगी के पित्त की थेली में पथरी थी| ये दोनों बीमारियाँ एक साथ दूरबीन द्वारा सफल ऑपरेशन कर रोगी को रोगमुक्त किया गया

 

गीतांजली मेडिसिटी पिछले 14वर्षों से सतत् रूप से मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में परिपक्व होकर चुर्मुखी चिकित्सा सेंटर बन चुका है

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल उदयपुर में कोरोना महामारी से जुड़े सभी आवश्यक नियमों का पालन करते हुए निरंतर जटिल से जटिल ऑपरेशन व इलाज किये जा रहे हैं| अभी हाल ही में 40 वर्षीय भीलवाड़ा निवासी रोगी का दूरबीन द्वारा एक ही समय में पेनक्रियास की गांठ एवं पित्त की पथरी का सफल लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन किया गया|

ऑपरेशन को सफल बनाने वाली टीम में जनरल सर्जरी विभाग के सर्जन डॉ. मोहित कुमार बडगुर्जर, एचओडी डॉ. पंकज सक्सेना, डॉ सुमन परिहार, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. चारू, डॉ. विक्रम, ओटी इंचार्ज हेमंत व असिस्टेंट प्रकाश इत्यादि शामिल हैं| डॉ.मोहित ने बताया कि रोगी को पैंक्रियाटाइटिस (अग्नाशयशोथ) की शिकायत थी, हालाँकि रोगी पिछले 4 महीने से अपना इलाज भीलवाड़ा के निजी हॉस्पिटल में ले रहा था, रोगी को इलाज के दौरान भी गांठ बन गयी थी|

इस गाँठ में रोगी को असहनीय पीड़ा होती थी, पीड़ा के चलते रोगी का लेटना भी काफी मुश्किल हो गया था, साथ ही वह भोजन भी नही कर पाता था क्यूंकि थोडा सा भी कुछ खा लेने पर गाँठ अपना दबाव पेट पर डालती थी जिससे रोगी भर पेट भोजन भी नही कर पा रहा था या उसको उल्टी हो जाती और बुखार भी चढ़ रहा था|

रोगी को गीतांजली हॉस्पिटल के जनरल सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया व उसकी पूर्णतया जांचे की गयी| जांच से पता चला कि रोगी की गांठ 15 सेंटीमीटर की हो गयी थी और साथ ही रोगी के पित्त की थेली में पथरी थी| ये दोनों बीमारियाँ एक साथ दूरबीन द्वारा सफल ऑपरेशन कर रोगी को रोगमुक्त किया गया| रोगी अभी स्वस्थ है भोजन कर पा रहा है एवं अपनी दिनचर्या निर्वाह कर रहा है|

गीतांजली मेडिसिटी पिछले 14वर्षों से सतत् रूप से मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में परिपक्व होकर चुर्मुखी चिकित्सा सेंटर बन चुका है| यहाँ एक ही छत के नीचे जटिल से जटिल ऑपरेशन एवं प्रक्रियाएं निरंतर रूप से कुशल डॉक्टर्स द्वारा की जा रही हैं|