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बिजनेस के व्यवहारिक प्रशिक्षण के बाद ही नई पीढी को पारिवारिक व्यवसाय में शामिल करें - प्रो.परिमल मर्चेन्ट

“फैमिली बिजनेस में महिलाओं की भूमिका“ विषय पर प्रो. परिमल मर्चेन्ट का व्याख्यान

 

उदयपुर, 29 जनवरी, 2022। “अपने पैशन को फाॅलो करो“ यह एक मूर्खतापूर्ण अतिश्योक्ति है। थ्री इडियट्स केवल मनोरंजन के लिए बनाई गई एक व्यावसायिक मूवी है। अतः हाॅबी और कैरियर में फर्क करें। अपने अभिभावकों के अनुभव से सीखने हेतु उनके साथ समय व्यतीत करें। स्वयं का अलग कुछ करने की सोच अपनाने के स्थान पर अपने पारिवारिक व्यवसाय को तरजीह देवें।“ उपरोक्त विचार प्रोफेसर परिमल मर्चेन्ट ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।

उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा यूसीसीआई भवन के पी.पी. सिंघल सभागार में अपरान्ह 4 बजे देश के जाने-माने स्पेशलिस्ट प्रोफेसर परिमल मर्चेन्ट के व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रो. परिमल मर्चेन्ट ने आर्थिक मन्दी के दौर में पारिवारिक व्यवसाय को आगे कैसे बढाएं विषय पर प्रतिभागियों को जानकारी दी।

कार्यक्रम के आरम्भ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय सिंघल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि देश का 80 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद पारिवारिक व्यवसाय पर निर्भर है तथा परिवार के सदस्यों में 50 प्रतिशत महिलाएं होती हैं। सिंघल ने कहा कि परिवार की महिलाओं को व्यवसाय में सम्मिलित करने हेतु प्रोफेसर परिमल मर्चेन्ट का व्याख्यान प्रतिभागियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।

यूसीसीआई की महिला सशक्तिकरण उपसमिति की सदस्या श्रीमति शिल्पा बापना ने कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की। उपाध्यक्ष विजय गोधा ने प्रो. परिमल मर्चेन्ट का उपरना ओढाकर स्वागत किया एवं पूर्वाध्यक्ष बी.एच. बापना ने स्मृतिचिन्ह भेंट किया।  

यूसीसीआई की महिला सशक्तिकरण उपसमिति की चेयरपर्सन श्रीमति हसीना चक्कीवाला ने प्रोफेसर परिमल मर्चेन्ट का परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रोफेसर परिमल मर्चेन्ट मुम्बई के एस.पी. जैन स्कूल ऑफ़ ग्लोबल मैनेजमेन्ट के डायरेक्टर हैं एवं ग्लोबल फैमिली मैनेज्ड बिजनेस के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। 

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर परिमल मर्चेन्ट ने अपने सम्बोधन में प्रतिभागियों से आव्हान किया कि पुत्र एवं पुत्री की परवरिश में किसी प्रकार का अन्तर नहीं रखें। इसमें माता एवं पिता दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। बिजनेस में कुछ भी पूर्व निर्धारित नहीं होता है, जैसे-जैसे चलते हैं, रास्ता खुलता जाता है। 

अतः परिवार की महिलाओं को बिजनेस में शामिल करने से पूर्व प्रशिक्षण जरुरी है, तभी उनमें आत्मविश्वास आयेगा। पारिवारिक व्यवसाय में परिवार की महिलाओं को शामिल करने से न केवल बिजनेस को अपना समझकर काम करने वाला सहभागी मिलेगा अपितु व्यवसाय के मुखिया के न रहने पर वे इस संकट का सामना करने में सक्षम हो सकेंगी।

कार्यक्रम का संचालन यूसीसीआई की महिला सशक्तिकरण उपसमिति की सदस्या श्रीमति मंजीत कौर बंसल ने किया। कार्यक्रम में लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में यूसीसीआई की महिला सशक्तिकरण उपसमिति की को-चेयरपर्सन श्रीमति रूचिका गोधा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।