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क्वालिटी एवं स्किल बेस्ड एजूकेशन आज के समय की आवश्यकताः- प्रो. आर.ए. गुप्ता कुलपति RTU कोटा

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में तीन दिन से चल रही फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम ‘‘प्रीपेरिंग फाॅर एन.बी.ए. एक्रेडिशन’’
 

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में तीन दिन से चल रही फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम ‘‘प्रीपेरिंग फाॅर एन.बी.ए. एक्रेडिशन’’ का समापन हो गया। इस समापन समारोह में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रो. आर. ए. गुप्ता, मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। 

आर.टी.यू. के टेक्यूप-3 के कोर्डिनेटर प्रो. धीरज माथुर, एआइसीटीई गिट्स के मार्गदर्शक डाॅ. ए. एन. माथुर, आर. टी. यू. के प्रो. डाॅ. रंजन महेश्वरी एन आई टी टी आर भोपाल के प्रो. बी.एल गुप्ता व गीतांजली ग्रुप की निदेशक कनिका अग्रवाल विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहेे।

संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि तीन दिन चलने वाले इस प्रोग्राम में शिक्षक एवं शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढाने पर जोर दिया गया। राजस्थान के तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. ए. गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्वालिटी एवं स्किल बेस्ड एजूकेशन आज के समय की आवश्यकता हैं। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने क्या पढाया बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि विद्यार्थी ने आपसे क्या सीखा। 

एन आई टी टी आर भोपाल के प्रो. बी.एल गुप्ता ने तकनीकी संस्थानों में एक्रीडिशन के प्रोसेस के बारे में विस्तार से बताते हुए ‘‘न्यू एजूकेशन पाॅलिसी 2020’’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी महाविद्यालय एकेडमिक इमेज क्वालिटी बाई डिजाइन नोट बाई चांस पर आधारित होना चाहिए। मलेशिया के महाशा विश्वविद्यालय की प्रो. डाॅ. श्याना गंगाधरन ने विभिन्न विषयों पर टिचींग एवं लर्निंग प्रोसेस पर अपने विचार व्यक्त किये। इसके अतिरिक्त राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय सहित उत्तर भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के एन.बी.ए. के एक्सपर्ट ने अपने विचार रखते हुए विभिन्न बिन्दुओं पर गाईड करते हुए प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम के संयोजक आई क्यू ए सी कोर्डिनेटर प्रो. हेमन्त साहु के अनुसार इस कार्यक्रम में उदयपुर शिक्षण संस्थानों सहित पूरे भारतवर्ष के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के फेकल्टी मेम्बर्स एवं स्टाफ मेंम्बर्स ने भाग लेकर एन.बी.ए. प्रोसेस की जानकारी प्राप्त किये। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के अन्दर होने वाले बदलाव को देखते हुए शिक्षक अपने आप को ज्ञान देने के लिए तैयार करें।