पहली बार कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में दिखा दुर्लभ पक्षी
यहां की बायो डायवर्सिटी के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है
उदयपुर,18 जनवरी। कुंभलगढ़ किले के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी दीवार चीन की महान दीवार के बाद एशिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है। लेकिन इस महान किले के बगल में, कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य है जो कई पक्षी प्रजातियों का घर है। हाल ही में, उदयपुर के कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में पेंटेड स्पर फाउल पक्षी को पहली बार देखा गया है। आमतौर पर यहां अरावली रेड स्पर फाउल अच्छी संख्या में दिखता है। लेकिन पेंटेड स्पर फाउल का दिखना कुंभलगढ़ और यहां की बायोडायवर्सिटी के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।
उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के दौरान पक्षी विशेषज्ञ अनिल रोजर्स के नेतृत्व में एक टीम राजसमंद आई थी। टीम ने कुंभलगढ़ के आरेट क्षेत्र में ट्रेकिंग की तो जंगल में पेंटेड स्पर फाउल का जोड़ा नजर आया। रोजर्स ने बताया कि यहां पेंटेड स्पर फाउल का दिखना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यह रणथम्भौर और सरिस्का में तो दिखता है, मगर कुंभलगढ़ से अभी तक इसकी ऑफिशियल रिकॉर्डिंग नहीं थी।
किस प्रजाति का पक्षी है पेंटेड स्पर फाउल
यह तीतर परिवार का पक्षी है, जो मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत में चट्टानी पहाड़ी और झाड़ीदार जंगलों में पाया जाता है। नर अधिक चमकीले रंग के होते हैं और सफेद रंग में स्पष्ट रूप से देखे जाते हैं। यह झाडिय़ों में जोड़े या छोटे समूहों में पाया जाता है। यह जामुन के साथ-साथ कीड़े और फूल (मधुका लोंगिफोलिया) खाते हैं। सुबह-सुबह जलाशयों में जाते हैं। इनका प्रजनन काल जनवरी से जून होता है।