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रोगी के रेक्टल प्रोलेप्स का हुआ लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन द्वारा सफल इलाज

रेक्टल प्रोलेप्स को स्थानीय भाषा में आम/ कांच बाहर आना भी कहा जाता है 

 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर का जनरल सर्जरी विभाग सभी विश्वस्तरीय सुविधाओं से परिपूर्ण है। यहाँ निरंतर रूप से जटिल से जटिल ऑपरेशन व इलाज कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है। गीतांजली हॉस्पिटल के जनरल सर्जरी विभाग से लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. पंकज सक्सेना, डॉ. मोहित कुमार बडगुजर, एनेस्थेसिया विभाग से डॉ. सीमा परतानी, डॉ. अरुणा व स्टाफ हेमंत, प्रकाश के अथक प्रयासों से  40 वर्षीय उदयपुर निवासी मीरा देवी (परिवर्तित नाम) को सफलतापूर्वक इलाज कर उसे नया जीवन प्रदान किया गया। 

डॉ मोहित ने बताया कि रोगी जब अस्पताल में आयी तब वह परेशान थी, रोगी को रेक्टल प्रोलेप्स की बीमारी थी जिससे मारवाड़ी में कांच बाहर आना और मेवाड़ी में आम बाहर आना भी कहा जाता है, इस बीमारी में मल द्वार ज़ोर लगने से बाहर आ जाता है। यह बीमारी इस महिला रोगी को पिछले 8 माह से परेशान कर रही थी वह इस बीमारी के बारे में अपने परिवार वालों को बताने में हिचकिचाहट कर रही थी। ऐसा करने पर समय के साथ यह बीमारी ने भी बड़ा रूप ले लिया था। 

रोगी की उम्र ज़्यादा ना होने के कारण उसका लेप्रोस्कोपिक (दूरबीन) ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया ताकि वह अपने नियमित कार्यों को करने में जल्दी समर्थ हो जाये। लेप्रोस्कोपिक वेन्ट्रल मैश रैक्टोपैक्सी सर्जरी में मल द्वार का विच्छेदन कर उसे जाली से पक्का किया गया ताकि जोर देने पर बाहर नहीं निकले, अब रोगी स्वस्थ है। ऑपरेशन के दूसरे दिन ही उसे छुट्टी दे दी गयी, अभी वह अपनी दिनचर्या का निर्वहन कर रही है। 

गीतांजली हॉस्पिटल का जनरल सर्जरी विभाग सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। गीतांजली हॉस्पिटल पिछले 15 वर्षों से किफायती दरों पर सतत् रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है।