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साध्वीश्री कीर्तिप्रभाश्री जी का देवलोकगमन

साध्वीश्री की डोल यात्रा रविवार को प्रातः 9 बजे रवाना होगी
 
पार्थिव देह को तीर्थ के आराधना भवन में रखा गया, जहां पर अंतिम दर्शन करने वाले श्रावक-श्राविकाओं का तांता लगा हुआ है। 

उदयपुर 19 नवंबर 2021। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज की साध्वी कीर्तिप्रभाश्री जी महाराज सा. की 80 वर्ष की आयु में शनिवार को पद्मनाभ स्वामी तीर्थ पर अरिहंत शरण हो गए। साध्वीश्री की डोल यात्रा रविवार को प्रातः 9 बजे रवाना होगी। 

श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र हिरण ने बताया कि भावी प्रथम तीर्थंकर पद्मनाभ स्वामी तीर्थ पर विराजित साध्वी कीर्तिप्रभाश्री जी म.सा. आदि ठाणा के साथ वर्षावास कर रहे थे। 80 वर्ष की आयु शनिवार को साध्वी कीर्तिप्रभाश्री जी म.सा. अरिहंत शरण हो गए। पार्थिव देह को तीर्थ के आराधना भवन में रखा गया, जहां पर अंतिम दर्शन करने वाले श्रावक-श्राविकाओं का तांता लगा हुआ है। 

डॉ. हिरण ने बताया कि चणासमा गुजरात निवासी सक्रियबेन की कुक्षी से जीवनलाल भाई के घर जन्म लेने वाली कंचन बेन ने मात्र 18 वर्ष की आयु में अहमदाबाद में आचार्य देव रामसूरिश्वर जी डेहलावाले एवं वर्तमान में गच्छाधिपति अभयदेव सूरिश्वर जी की निश्रा में एवं गुरू चंद्रकलाश्री जी के सानिध्य में संयम अंगीकार किया था और साधु जीवन अंगीकार करने के बाद उनका नाम कीर्तिप्रभाश्री रखा गया। 

आपका जन्म विक्रम संवत् 1998 में हुआ था। 62 वर्ष के दीक्षा काल के दौरान ज्ञान, आराधना, प्राकृत, भाष्य, कर्मग्रंथ, विधिक तप एवं कई तपस्याएं की थी। आपकी तीन शिष्याएं विश्वप्रभा जी, पुष्पलता जी एवं सम्यक्रत्ना जी है। आपने अपने 62 वर्ष की दीक्षा काल के दौरान गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व राजस्थान में वर्षावास किए। 

श्रीसंघ के मंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि साध्वीश्री जी की डोल यात्रा सुबह 9 बजे शिक्षा भवन चौराहा स्थित पद्मनाभ स्वामी तीर्थ (चौगान मंदिर) से अशोक नगर मोक्ष धाम के लिए शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रस्थान करेगी। चणासमा, अहमदाबाद व गुजरात के अन्य शहरों में निवासरत सांसारिक परिजन उदयपुर के लिए रवाना हो गए जो रात तक उदयपुर पहुंच जाएंगे और वे कल सुबह 9 बजे प्रारम्भ होने वाली डोल यात्रा में शामिल होंगे।