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सम्मेद शिखर की पवित्रता को भंग नही होने देगा जैन समाज

झारखंड सरकार द्वारा आमजन के लिए खोले जाने के बाद सकल जैन समाज में इसका विरोध है

 

उदयपुर। जैन समाज के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा आमजन के लिए खोले जाने के बाद सकल जैन समाज में इसका विरोध है। इसी विरोध के चलते आज उदयपुर में जैन सोशल ग्रुप इंटरनेशनल फेडरेशन, मेवाड़ रीजन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा गया। 

मेवाड़ रीजन के चेयरमैन मोहन बोहरा ने बताया कि सम्मेद शिखर जैन समाज के लिए एक पवित्र स्थल है, यहां जैन समाज के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों का निर्वाण स्थल है। पूरे भारत व विश्वभर से लाखो जैन तीर्थयात्री बेहद श्रृद्धा भाव के साथ व्रत धारण करके, नंगे पांवों से, शुद्ध वस्त्रों को धारण कर ठंड, गर्मी, बारिश में झारखंड की सबसे ऊँची पहाडी की 27 कि.मी. की पहाड़ की वंदना करके अपने जीवन को धन्य मानते है। ऐसे में आमजन के लिए इसे एक पिकनिक स्पॉट की तरह खोला जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। 

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के आदेश के बाद अब आम जन वहां पर सम्मेद शिखर की पवित्रता को भंग करने लगे हैं। मांस मदिरा का सेवन, जूते पहन के वहाँ जाना आमजन द्वारा किया जा रहा है। यहां तक कि इस पहाड़ी पर अब अतिक्रमण भी शुरू हो गया है। जैन समाज ने अपील की है कि जल्द से जल्द इस मामले में निर्णय लेकर जैन समाज की आस्था से जुड़े पवित्र स्थल को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। 

ज्ञापन देने के दौरान फेडरेशन उपाध्यक्ष आर.सी. मेहता चेयरमैन इलेक्ट अनिल नाहर, वाइस चेयरमैन अरुण मांडोत, कोषाध्यक्ष सुभाष मेहता, इंटरनेशनल डायरेक्टर रोशन जोधावत, संयुक्त सचिव पारस ढेलावत, महेश पोरवाल, पीआरओ एडमिन आलोक पगारिया, जेएसजी समता अध्यक्ष राकेश नंदावत, जेएसजी युवा फोरम अध्यक्ष नकुल मेहता व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।